— अभिभावकों ने कहा ” सरकार निर्धन और जरूरतमंदों को झूठे सपने दिखा रही है, बच्चों को समय पर शिक्षा नही मिली तो राजनीतिक दलों का करेगे बहिष्कार “
— द्वारकादास पार्क में एकजुट हुए अभिभावक, संयुक्त अभिभावक संघ ने ली बैठक
जयपुर। प्रदेश में शिक्षा का अधिकार – आरटीई अधिनियम 2009 को लेकर लगातार विवाद गहराता जा रहा है, सरकार ने तो आरटीई के तहत लॉटरी निकाल निजी स्कूलों में 75 हजार से अधिक विद्यार्थियों को एडमिशन तो दे दिया किंतु निजी स्कूल राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर झूठ बोलकर अब विद्यार्थियों को एडमिशन नहीं दे रहे है। विद्यार्थियों के अभिभावक अब बच्चों के भविष्य की चिंता लिए स्कूलों और शिक्षा विभाग में चक्कर कांट रहे है लेकिन कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं है। जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र शर्मा हंस मीडिया के सामने अलग बयानबाजी करते है और अब अभिभावक शिकायत लेकर पहुंचते है तो शिकायत लेकर स्कूलों पर कार्यवाही करने की बजाय अभिभावकों को गुमराह कर वापस भेज देते है। स्कूल, सरकार और प्रशासन के इस व्यवहार से प्रदेश के 50 हजार से अधिक विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है और भविष्य बनने से पहले ही खराब होने की स्थिति पर आ गया है। स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है किंतु आरटीई के तहत एडमिशन प्राप्त विद्यार्थियों ने अभी तक स्कूलों में कदम तक नही रखा, एक तरफ निजी स्कूलों में सत्र शुरू होने के साथ ही प्रथम टेस्ट प्रारंभ हो गए है लेकिन आरटीई प्रक्रिया से एडमिशन प्राप्त विद्यार्थियों ने नए सत्र की किताबों का पहला पन्ना तक नही पलटा है।
रविवार को मानसरोवर के रिको चौराहा स्थित द्वारकादास पार्क, बी 2 बाईपास पर आरटीई प्रक्रिया से पीड़ित अभिभावकों ने संयुक्त अभिभावक संघ के निर्देशन में आयोजित बैठक में भाग लिया, जिसमें 100 से भी अधिक अभिभावकों ने भाग लिया। बैठक में संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छगानी, प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू, जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने भाग लिया और अभिभावकों की प्रूफ के साथ शिकायतें एकत्रित की, अभिभावकों को संबोधित करते हुए संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा की ” राज्य सरकार प्रदेश के निर्धन और जरूरतमंद अभिभावकों को झूठे सपने दिखाकर शिक्षा के अधिकारों से वंचित रखकर निजी स्कूलों की मनमानी पर खुला संरक्षण दे रही है। अगर सरकार ने निजी स्कूलों पर सख्त से सख्त कार्यवाही नही की तो अभिभावकों को सरकार सहित सभी सभी राजनीतिक दलों का बहिष्कार प्रारंभ करेगी।
जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने कहा की उनके स्वयं के दो बच्चों का एडमिशन जवाहर नगर सेक्टर 4 स्थित सिडलिंग स्कूल में नंबर 2 और 9 पर हुआ है, किंतु स्कूल प्रशासन आरटीई प्रक्रिया के तहत एडमिशन देने की बजाय फीस जमा करवाने का दवाब बना रहा है। जबकि बच्चों का एडमिशन आरटीई की पूरी प्रक्रिया फॉलो करने के बाद हुआ, जब स्कूल ने एडमिशन देने से मना कर दिया तो शिक्षा विभाग गया, वहां मौजूद अधिकारी ने कहा की आपके बच्चों का एडमिशन आरटीई के तहत हो गया है, आप स्कूल जाए और उनका एडमिशन करवा उनकी पढ़ाई शुरू करवाए, अगर स्कूल मना करता है तो उनसे लिखित डॉक्यूमेंट लेकर आए, तभी हम कार्यवाही करेंगे, अधिकारी बात सुनकर में वापस स्कूल पहुंचा तो स्कूल ने कोर्ट आदेश का हवाला देकर एडमिशन देने से मनाकर दिया जब उनको बताया की कोर्ट ने केवल 3 स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया रोकी है तो उन्होंने गोल – मोल जवाब देना शुरू कर दिया। फिर स्कूल की वाइस प्रिंसिपल ने मुझे ऑफिस में बिठाया, पानी पिलाया ओर कहा की आप क्यों आरटीई के चक्कर में पढ़ रहे है, आप अपने बच्चों का स्कूल में एडमिशन करवाएं, हम फीस में जितनी छूट दे सकते है उतनी आपको दे देगे, उन्होंने एक पर्ची मुझे पकड़वाई, जिसमें स्कूल फीस डिटेल लिखी हुई थी, उन्होंने मुझे पर्ची देते हुए बताया की हम आपको 8 हजार रु की छूट दे देगे, किंतु बाकी की फीस आपको जमा करवानी ही होगी, तब मेने उनसे पूछा की अगले वर्ष की पढ़ाई का क्या होगा तो उन्होंने का यह केवल इस वर्ष की प्रक्रिया है, अगले वर्ष भी आपको फीस तो जमा करवानी ही होगी। इसके उपरांत मेने स्कूल से पूछा की आप आरटीई में एडमिशन क्यों नही दे रहे है तो वापस उन्होंने कोर्ट आदेश का हवाला दिया, मैने उनसे इससे संबंधित डॉक्यूमेंट मांगे तो उन्होंने कहा की हमारे पास कोई कागज नही है अगर आपको कागज चाहिए तो विभाग में जाए वही कागज मिलेंगे। यह शिकायत लेकर विभाग जाते है तो वह स्कूल भेज देते है और स्कूल जाते है तो विभाग भेज देते है, स्कूलों का सत्र प्रारंभ हुए लगभग 15 से 20 दिन हो गए किंतु मेरे बच्चों की पढ़ाई शुरू तक नही, स्कूल परीक्षाएं लेना प्रारंभ कर चुके है और आरटीई के विद्यार्थियों ने अभी तक पहला पाठ तक नही पढ़ा।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की ” स्कूल, सरकार और प्रशासन अपनी आपसी मिलीभगत को संरक्षण देकर अभिभावकों को गुमराह करना बंद कर, अगले 15 दिनों में आरटीई की लॉटरी के तहत एडमिशन प्राप्त 75 हजार बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ होगा तो अभिभावक बिलकुल भी बर्दास्त नही होगा, मजबूरन अभिभावकों को सड़को पर उतरकर सरकार के खिलाफ हल्लाबोल प्रदर्शन करना होगा और सरकार के झूठे दावों की पोल प्रदेश की जनता को दिखायेगा। प्रदेश में विभिन्न राजनीतिक दल है जो अभिभावकों की समस्याओं पर अपनी चोंच तक नही खोल रहे है वह यह ध्यान रख लेवे की प्रदेश में 2 करोड़ से अधिक अभिभावक है जो अब एकजुट होना प्रारंभ कर चुके है, अगर अभिभावकों को न्याय नही मिला तो अभिभावक आगामी चुनावों में सभी राजनीतिक दलों का खुला बहिष्कार करेगा और अपनी एकजुटता की ताकत का एहसास करवाएगा। प्रदेश का अभिभावक केवल आरटीई से पीड़ित नही है बल्कि स्कूलों की मनमानी फीस सहित निजी स्कूलों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद फीस एक्ट 2016 भी लागू नहीं होने से बहुत पीड़ित है। इस बार अभिभावक मौन नही रहेगा बल्कि अपनी उग्र रूप दिखा स्कूल, सरकार, प्रशासन सहित सभी राजनीतिक दलों को आइना दिखायेगा। रविवार को इन्ही विषयों को लेकर अभिभावकों की खुली बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रत्येक अभिभावक को आमंत्रित किया गया था, प्रत्येक रविवार संयुक्त अभिभावक संघ शहर के अलग-अलग हिस्सों में अभिभावकों संग संवाद करेगा, 23 जुलाई को सेंट्रल पार्क, सी – स्कीम में अभिभावकों की बैठक का आयोजन होगा। 30 जुलाई को अजमेर जिले के मदनगंज किशनगढ़ ने संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। रविवार को हुए संवाद कार्यक्रम में सिडलिंग स्कूल, जवाहर नगर, भवानी निकेतन स्कूल, जगतपुरा, केंब्रिज वर्ल्ड स्कूल मानसरोवर, नीरजा मोदी स्कूल, मानसरोवर, जयश्री पेडिवाल, मॉर्डन स्कूल, ज्ञान आश्रम स्कूल सहित विभिन्न स्कूलों के सैकड़ों अभिभावक शामिल हुए और संयुक्त अभिभावक संघ को अपनी लिखित शिकायत दर्ज करवाई साथ एकजुटता का संकल्प लिया।