अकसर घर पर झाड़ू पोछा बर्तन मांजने? कपड़े धोने वाली या रसोई बनाने का काम करने को कामवाली बाई या नोकरानी बोलते आ रहै हैं शाब्दिक अर्थ से देखें तो यह ठीक है। पर कुछ शब्दों को हमने यह समझ लिया कि उनका उनका प्रयोग छोटे काम करने वालों के लिए ही है, हमारे लिए नहीं है। पर यह भूल जाते हैं हम भी किसी या स्वयं के ऑफिस, दुकान, फैक्ट्री में काम करते है तो हम भी वहा के नौकर या नौकरानी हैं पर यदि कोई हमें नौकर या नौकरानी कहे है तो हमें बुरा लगने लगता है। हमने अपने काम के लिए पोस्ट (पद) का नाम दे दिया की मैं मैनेजर या अन्य जो भी पद का नाम दे रखा वह हूं किंतु वास्तविकता में हम भी वहां का नौकर या नौकरानी है। वास्तविकता यही है कि हमारे दिमाग में छोटे-छोटे काम करने वालों के लिए कोई इज्जत नहीं है। हम लिफ्टमेन, ड्राइवर, बर्तन मांजने वाली, झाड़ू पोछा करने वाली, कार की सफाई करने वाले, सुबह अखबार देने वाले ऐसे कई काम करने वाले को उनके काम की इज्जत नहीं करते हैं कई व्यक्ति उन्हें छोटे काम की निगाह (हिनता के भाव) से देखते हैं जबकि वह ईमानदारी से मेहनत से अपना काम करते है। हमें हर उस व्यक्ति को इज्जत देना चाहिए जो इमानदारी से अपना काम करते हैं। और जो हम सुनना पसंद नहीं करें हम किसी और को भी वह संबोधन नहीं करें। बड़ी होटलों ने उन्हें अच्छा पद दे रखा है हाउसकीपिंग, केयरटेकर, बेल मैनेजर, फ्लोअर इंचार्ज आदि।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)

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