नई दिल्ली,(दिनेश”अधिकारी”)।अगले महीने 1 अक्टूबर से नया ऑटो डेबिट पेमेंट सिस्टम लागू किए जाने की संभावना है। इस नियम के तहत बैंक और पेटीएम-फोन पे जैसे डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स को किस्त या बिल के पैसे काटने के पहले हर बार अनुमति लेनी होगी। उन्हें अपने सिस्टम में ऐसे बदलाव करने हैं कि एक बार परमिशन मिलने पर पैसे हर बार अपने आप न कटते रहें। भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) ने पहले कहा था कि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) या अन्य प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) का उपयोग करने वाले रिकरिंग लेनदेन के लिए अतिरिक्त फैक्टर ऑथेंटिकेशन (एएफए) की आवश्यकता होगी। ऑटो डेबिट का मतलब कि मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग में बिजली, गैस, एलआईसी या अन्य किसी खर्च को ऑटो डेबिट मोड में डाला गया है तो एक निश्चित तारीख को पैसा खाते से अपने आप कट जाएगा। अगर ऑटो डेबिट का नियम लागू हो गया तो आपके बिल भुगतान करने के तरीके पर असर पड़ेगा। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए ग्राहक का एक्टिव मोबाइल नंबर बैंक में अपडेट होना जरूरी है। क्योंकि उसके मोबाइल नंबर पर ही ऑटो डेबिट से जुड़ा नोटिफिकेशन एसएमएसके जरिए भेजा जाएगा।
नए नियम लागू होने के बाद बैंकों को पेमेंट ड्यू डेट से 5 दिन पहले ग्राहक के मोबाइल पर एक नोटिफिकेशन भेजना पड़ेगा। पेमेंट से 24 घंटे पहले रिमाइंडर भेजना होगा। रिमाइंडर में पेमेंट की तारीख और पेमेंट की राशि आदि के बारे में जानकारी होगी। इसमें ऑप्ट आउट या पार्ट-पे का विकल्प भी होगा।1 अक्टूबर से यह नियम लागू हो जाएगा। इसके अलावा 5000 से ज्यादा के पेमेंट पर ओटीपीसिस्टम अनिवार्य किया गया है। आरबीआईने बैंकिंग फ्रॉड और ग्राहकों की सुरक्षा को देखते हुए ये गाइडलाइन जारी की थीं। अभी की व्यवस्था के अनुसार डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म या बैंक ग्राहक से एक बार अनुमति लेने के बाद हर महीने बिना किसी जानकारी दिए ग्राहक के खाते से काट लेते हैं। इससे फ्रॉड की संभावना रहती है। इस समस्या को खत्म करने के लिए ही यह बदलाव किया गया है