50 के विरूद्व दर्ज हुयी प्राथमिकी, अज्ञात के विरूद्व मामला दर्ज कर प्रशासन कर रहा लीपापोती की तैयारी

नई दिल्ली,(दिनेश”अधिकारी”)।गोण्डा जिले के अधिवक्ताओं का अलोकतांत्रिक रवैया दिनो दिन बढता जा रहा है। अपनी जायज नाजायज मागों को लेकर हमेशा आन्दोलन के लिए तेैयार रहने वाले अधिवक्ताओं का प्रशासनिक रवैये के चलते इतना मन बढ गया है कि वे अब प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए उस पर ही हमला करने लगे है। ताजा मामला इसी तरह से है जिसमें तहसीलदार के कार्यालय में अचानक अधिवक्ताओ ने किसी बात को लेकर धावा बोल दिया और वहा मौजूद कर्मचारियों के धमकी देत हुए वहां मौजूद फर्नीचर को तोड फोड दिया। इतना ही इन मनबढ अधिवक्ताओ ने तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार को बधक बनाने के साथ उनसे अभद्रता भी की। मिल रही जानकारी के अनुसार स्वतंत्रता दिवस के दूसरे दिन किसी बात से आक्रोशित जिले के अधिवक्ता भारी संख्या मे तहसीलदार कार्यालय में पहुचं गये, जहां काम कर रहे कर्मचारियेां को धमकी देते हुए उनके मेज और कुूर्सियों को उलट पलट दिया साथ ही र्कइ मेज और कुर्सियों को तोड भी दिया गया। हद तो तब हो गयी जब इन अधिवक्ताओं ने वहां मौजूद जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार से अभद्रता करते हुए उन्हें बंधक भी बना लिया।

मामले की जानकारी जिला प्रशासन को होने पर कलेक्टर मे भारी संख्या मे पीएसी तैनात कर दी गयी है। साथ ही सीसीटीवी फुटेज के आधार पर लगभग पचास अज्ञात अधिवक्ताओं के विरूद्व एफआईआर भी दर्ज करा दी गयी है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन अधिवक्ताओं के इस अराजक रवैये पर कितना सख्त रूख दिखाता है। जिसकी शायद उम्मीद बहुत ही कम है, क्योंकि सीसीटीवी फुटेज साफ दिखा रहा है कि उग्र अधिवक्ताओं का नेतृत्व जिला अध्यक्ष दीनानाथ त्रिपाठी कर रहे है परन्तु एफआईआर अज्ञात के विरूद्व लिखाई गयी है जिसका सीधा सा मतलब है प्रशासन पहले से ही पूरे मामले को लीपपोत कर मनबढ अधिवक्ताओं को और भी अराजक बनाने की ही इच्छा रखता है।