-मुकेश पूनिया-
बीकानेर। जिला कलक्टर कुमारपाल ने शहर में कोचिंग हॅब बनाने का ख्वाब देखा था,लेकिन कोचिंग संचालकों के सियासी रसूखात के दबाव में यह ख्वाब अधूरा रह गया। जानकारी में रहे कि शहर में बड़ी तादाद में ऐसे कोचिंग सेंटर है जो पूरी तरह अवैध चल रहे है,इनमें अनेक कोचिंग सेंटर असुरक्षित भवनों में संचालित हो रहे है,जहां जनहानी और हादसों का खतरा बना रहता है। अभी पिछले दिनों कोटा के कोचिंग सेंटर में हुई आगजनी के बाद स्वायत शासन विभाग के निर्देश पर बीकानेर में चल रहे कोंचिंग सेंटरों का सर्वे कराया तो यहां कोटा के कोचिंग सेंटरों से भी खस्ता हालात सामने आये। वहीं रिहायशी इलाकों में चल रहे कई कोचिंग संस्थानों से स्थानीय लोगों को भी खासी परेशानी झेलनी पड़ती है

। इस समस्या का स्थाई समाधान करने के लिये जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने दो माह पहले नगर विकास न्यास और कोचिंग संचालकों के साथ मिटिंग कर शहर की किसी बड़ी कॉलोनी में कोचिंग हॅब बनाने का सुझाव दिया और इसके लिये जमीन चिन्हित करने के निर्देश थे। कलक्टर के इस सुझाव को नकारात्मक लेते हुए एकजुट हुए शहर के तमाम कोचिंग संचालकों ने सियासी नेताओं का दबाव बना कर मामला ठंडे बस्ते में डलवा दिया।

इसके बाद जिला प्रशासन के किसी नेता ने कोचिंग हॅब का नाम भी नहीं लिया। जबकि जिला कलक्टर का यह सुझावा सराहनीय था,क्योंकि कोचिंग हॅब बनने छात्र-छात्राओं को एक ही जगह पर पढऩे का माहौल का मिलता और इसके बेहरत परिणाम सामने आ सकते थे। जबकि फिलहाल शहर के अधिकतर कोचिंग संस्थानों के पास मापदंडों के अनुसार न तो भवन हैं और न ही पार्किंग के लिए स्थान है। यह भी पता चला है कि बीकानेर में कोचिंग सेंटरों संचालकों के गिरोह की कमान सियासी नेता के भांजे ने संभाल रखी है।