-कर्मचारी चयन बोर्ड में स्थित अभी नहीं सुधरी, जबकि अध्यक्ष भी बदला जा चुका


जयपुर (हरीश गुप्ता)। आरपीएससी की राह पर ही कर्मचारी चयन बोर्ड भी चल रहा है। यह तो तब है, जबकि अध्यक्ष बदला जा चुका है। ताजा शिक्षक भर्ती में एक छात्रा की पीड़ा इस बात की पोल खोल रही है।
गौरतलब है कर्मचारी चयन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा ने कुछ समय पूर्व बोर्ड अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। वे आजकल विधायक का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने वोटरों के लिए बड़े जीमण का आयोजन भी किया था। उन्हें क्या पता बेरोजगार जीमण का स्वाद बिगाड़ने के लिए तैयार बैठे हैं। सूत्रों ने बताया कि हाल में शिक्षक भर्ती 2023 (एल-1) की कट-ऑफ जारी की गई, जिसमें उत्कृष्ट खिलाड़ी प्रावधान बिंदु-5 की अंतिम कट-ऑफ 85.60 अंक की गई। एक ऐसा उदाहरण सामने आया जिनके प्राप्तांक 102 से ऊपर हैं, लेकिन उसका नाम वरीयता सूची में नहीं है सबसे बड़ी बात तो यह है कि उसका नाम वरीयता सूची में तो नहीं ही है, लेकिन उसके अलावा जारी अन्य दो सूचियों (प्रोविजनल व अयोग्य) में भी नहीं है।
सूत्रों की मानें तो उक्त परीक्षा पूर्व अध्यक्ष के रहते हुए हुई थी, लेकिन विधायकी की चाह में वे यहां से चलते बने। पूर्व में एपीआरओ की परीक्षा में भी कुछ ऐसे उदाहरण आए थे, जिनके पास परीक्षा की कोई सूचना ही नहीं आई थी। हाल में सरकार ने सेना के सेवानिवृत अधिकारी को इस बोर्ड की कमान सौंपी। तब यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि अब हालात सुधर जाएंगे। उसके पीछे कारण यह भी माना जा रहा था कि सैन्य अधिकारी नियमों व अनुशासन से चलते हैं। आरपीएससी में ईडी का डेरा:
सूत्रों की माने तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को पूरी तरह राडार पर ले लिया है। अध्यक्ष व सदस्यों पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। उधर अभी तक प्रकाशित खबरों के आधार पर ईडी ने आरपीएससी से जवाब मांगा है। सूत्रों की मानें तो आरपीएससी अध्यक्ष न ही ईडी के समक्ष पेश हो रहे हैं और ना ही सवालों का जवाब भेज रहे। सूत्रों की मानें तो सीआरपीएफ के स्टाफ को आरपीएससी में कई जगह तैनात कर दिया गया है। ईडी आने वाले समय में कोई बड़ा धमाका कर दे, तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।