-राज्यसभा चुनाव में भाजपा की विधायक ने कांग्रेस उम्मीदवार को दिया वोट
-भाजपा ने तुरंत की कार्यवाही, निलंबित कर दिया कारण बताओ नोटिस
-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का राजनीतिक जादू फिर चला, कांग्रेस की बांछें खिलीं
-जिन नतीजों की संभावना थी, वही आए
-जीतने का सपना देख रहे निर्दलीय चंद्रा “हार” पहनकर अपने घर गए
✍️प्रेम आनन्दकर, अजमेर।
राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए हुए चुनाव में वही नतीजे आए हैं, जिनकी राजनीति के हर जानकार और विश्लेषक संभावना जता रहे थे। वैसे वोटों की गणित और समीकरण भी यही बता रहे थे कि कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला व प्रमोद तिवारी और भाजपा के उम्मीदवार घनश्याम तिवाड़ी की जीत पक्की है। हुआ भी यही। सबसे बुरी गत तो सुभाष चंद्रा की हुई, जो निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद गए थे। चूंकि भाजपा ने उनका समर्थन किया था, इसलिए चंद्रा जीतने के सपने संजोए हुए थे, लेकिन हार का मुंह लेकर अपने घर जाना पड़ा। इधर भाजपा की बाट उसकी ही धौलपुर से विधायक शोभारानी कुशवाह ने कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देकर लगा दी है। शोभारानी ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार घनश्याम तिवाड़ी की जगह कांग्रेस के उम्मीदवार प्रमोद तिवारी को वोट दिया है। यानी भाजपा में क्रॉस वोटिंग हुई, जबकि कांग्रेस का एक भी वोट नहीं टूटा। अब “सांप निकलने के बाद लाठी पीटने” की तर्ज पर इस बात को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने गंभीर माना। भाजपा ने शोभारानी को पार्टी से निलंबित करने के साथ ही कारण बताओ नोटिस दिया है। उनसे सात दिन में जवाब मांगा है। यदि उचित जवाब नहीं मिलता है, तो भाजपा शोभारानी को बाहर का रास्ता दिखाएगी। उधर शोभारानी ने स्पष्ट रूप से कांग्रेस के पक्ष में वोट डालने की बात कुबूल करते हुए कहा कि इस बारे में उनके देवर स्थिति स्पष्ट करेंगे कि आखिर उन्होंने कांग्रेस को क्यों वोट दिया है। अब भाजपा लाठी पीटे या कुछ भी करे, उसकी बाट तो लग ही गई है। इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का राजनीतिक जादू एक बार फिर चल गया है। उन्होंने अपने आपको कुशल रणनीतिकार साबित करने के साथ ही गांधी दरबार को यह भरोसा दिलाया है कि वे ही कांग्रेस की डूबती नैया पार लगाने वाले असली खेवनहार हैं। इस जीत और भाजपा की नाव में छेद होने से कांग्रेस की बांछें खिल उठी हैं। इस चुनाव में निर्दलीय ताल ठोकने वाले सुभाष चंद्रा भाजपा के बूते जीतने का सपना पाले हुए थे, उन्हें आज “दिन में तारे नजर” आ गए। जो चंद्रा चुनाव से पहले बड़ी-बड़ी हांक रहे थे, उनकी जमीनी हकीकत सामने आ गई है।