-27 जिलों के प्रमुख पदाधिकारी रहे उपस्थित

वैश्य समाज को उचित संख्या में राजनीतिक भागीदारी दिए जाने के साथ वैश्य घटकों में रोटी बेटी का व्यवहार होने, तथा जरूरतमंदों को शैक्षणिक सहायता दिए जाने के मुद्दे रहे प्रमुख

जयपुर,।अंतराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन राजस्थान की दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति एवं चिंतन शिविर अजमेर रोड स्थित प्रतिष्ठा बैंकेट हाल मे सम्पन्न हुआ।

चिंतन शिविर उद्घाटन सत्र में राज्य मंत्री राजस्थान सरकार सुभाष गर्ग मुख्य अतिथि रहे एवं अध्यक्षता महासम्मेलन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने की। उद्घाटन सत्र का विधिवत उद्घाटन विधायक एवं पूर्व मन्त्री कालीचरण सर्राफ, नोहर के विधायक अमित चाचन, अशोक लाहोटी, पूर्व विधायक मोहन लाल गुप्ता, उप महापौर पुनीत कर्णावट, सीताराम मंगला सरिया, महासम्मेलन के प्रदेश प्रभारी ध्रुवदास अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष एन.के.गुप्ता, प्रदेश महामंत्री गोपाल गुप्ता, प्रदेश कोषाध्यक्ष सुरेश कालानी, प्रदेश महिला अध्यक्ष ज्योति खंडेलवाल, महामंत्री चारु गुप्ता, युवा विंग अध्यक्ष जे. डी. माहेश्वरी, महामंत्री केदार गुप्ता,स्वागत अध्यक्ष ताराचंद समुराई वाले संरक्षक हरीमोहन डंगायच आई सी अग्रवाल आत्माराम गुप्ता मुन्नालाल गोयल वरिष्ठ कार्यकारी अध्यक्ष के.के.गुप्ता, सुरेश पाटोदिया महेश काला. गिर्राज गर्ग, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेन्द्र डेरेवाला अनुराग अग्रवाल , पवन गोयल, मनीष गुप्ता द्वारा दीप प्रज्वलित कर वैश्य एकता जिंदाबाद के नारों के बीच किया गया।

उद्घाटन सत्र का प्रारंभ करते हुए प्रदेश अध्यक्ष एन.के.गुप्ता ने स्वागत भाषण देते हुए सभी जिलों से आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया साथ ही वर्तमान में चल रही गतिविधियों एवम भविष्य में होने वाली गतिविधियों के विषय में अवगत करवाया ।

राज्य मंत्री सुभाष गर्ग ने भी अपने उद्बोधन में सभी जिलों से आये पदाधिकारीयों का अभिनंदन किया वैश्य समाज को सशक्त संगठित होने की बात कही साथ ही आश्वासन दिलाया की वैश्य समाज के हितार्थ एवम सेवार्थ हेतु सस्ती दरों पर भूमि उपलब्ध करवाएंगे।कालीचरण सराफ ने वैश्य घटको मे आपस मे रोटी-बेटी का संबंध करने पर जोर दिया।
महासम्मेलन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि वैश्य समाज ने सदैव मुक्त हस्त से राष्ट्र की सेवाओ में योगदान दिया है हम राजनैतिक पार्टियों से मांग करते है आगामी विधानसभा चुनावों में वैश्य जनसंख्या के अनुपात में वैश्य प्रतिनिधियों को अवसर दिया जाए। प्रदेश प्रभारी ध्रुवदास अग्रवाल एवम महामंत्री गोपाल गुप्ता ने प्रदेशभर से आए पदाधिकारियों का दुपट्टा एवं माला पहनाकर स्वागत किया एवम अपने विचार रखे ।

कार्यसमिति के उद्घाटन सत्र मे सभी मंचासीन महानुभावों ने अपने अपने विचार रखे और आगामी योजनाओं के विषय में और वर्तमान में चल रही गतिविधियों के विषय में बताया गया । प्रथम दिन के दोपहर बाद द्वितीय सत्र मे मुख्य विंग, विमेन विंग एवम यूथ विंग की प्रदेश कार्यसमिति की पृथक पृथक बैठक हुई जिसमे विभिन्न जिलों से आए पदाधिकारियो ने अपने अपने जिलों में चल रही गतिविधियों के प्रतिवेदन रखे एवम भविष्य की योजना के संबंध में प्रस्ताव रखें। पूरे दिन चली बैठक के पश्चात देर शाम को राजस्थानी परंपरा के अनुसार सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया जिसमें समाज की प्रतिभाओं की नृत्य एवम गायन प्रस्तुतियों ने सबका मन मोहा।
चिंतन शिविर एवं कार्यसमिति के द्वितीय दिवस समापन सत्र के मुख्य अतिथी नीमकाथाना के विधायक व्यापारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन सुरेश मोदी रहे। इस सत्र मे प्रदेशभर से आए 28 जिलों के जिला अध्यक्षों एवं प्रतिनिधियों ने खुले मंच पर खुले मन से आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक प्रस्ताव पेश किये गये जिनमें से सर्वसम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव निम्न रहे : आर्थिक प्रस्ताव मे व्यापारियो को टोटल आय का 5% स्वंय के लिए रिटायरमेन्ट के बाद सुरक्षित फंड के रूप मे मिले। सामाजिक प्रस्ताव वैश्य समाज को सशक्त बनाने के लिये जिलास्तर पर 5000-10000 लोगो का वैश्य सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। राजनीतिक प्रस्ताव मे आगामी विधानसभा चुनाव मे प्रमुख पार्टिया से वैश्य समाज को कम से कम 40 टिकट देने की मांग की गई है।
समापन सत्र में एक संकल्प पत्र प्रस्तुत किया गया जिसमे समाज के लोगो से अपील की गई की शादी-विवाह व अन्य पार्टियो मे खाने के 50-100 आईटम बनाकर
दिखावा बन्द करे तथा बेटे की शादी मे लिफाफा लेना व देना बन्द करे। सत्र में मुख्य अतिथि सहित उपस्थित सभी वैश्य प्रतिनिधियों ने समाज को एकजुट करने के लिये हर तरह का सहयोग प्रदान करने की घोषणा करते हुए समाज के संपूर्ण हित में सहयोग की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
कार्यसमिति के अंतिम दौर में जयपुर की लोक परंपरा के अनुसार सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति में गायन एवं नृत्य में सभी ने शिरकत करते हुए भरपूर आनंद लिया तत्पश्चात राजस्थानी दाल बाटी चूरमे का स्वरुचि भोज लेकर सभी जिलो के पधाधिकारिगण अपने अपने जिलो के लिये रवाना हुये।