दिल्ली में इण्डिया गेट पर नुक्कड़ नाटक और मुंह पर काली पट्टी बांध कैंडल मार्च निकाल किया जोरदार प्रदर्शन
कॉलेज की छात्राओं ने आज पकौड़े बना कर बेचे
सन्तोष सैनी
झज्जर, 30 सितम्बर। मैडिकल संस्थान के प्रबंधकों, हरियाणा, केन्द्र सरकार व राष्ट्रपति से न्याय की गुहार लगा कर थक चुके वर्ल्ड मेडिकल कॉलेज, गिरावड़ (झज्जर) के विद्यार्थियों और पेरेंट्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने देश के सुप्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हज़ारे से विद्यार्थियों और पेरेंट्स उनके गांव रालेगण सिद्धी, महाराष्ट्र में उनका द्वार खटखटा कर अपना दुखड़ा सुना उन्हें इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई है।

वहीं आज छात्रों ने अपने शव यात्रा निकाल अपने अरमानों का अन्तिम संस्कार किया क्योंकि डाक्टर बनने के हमारे जो अरमान थे, वो न ही हमारे कॉलेज और ना ही हरियाणा सरकार ने पूरे होने दे रही है। कॉलेज की छात्राओं ने आज पकौड़े बना कर बेचे क्योंकि उनका कहना था कि पीएम मोदी ने कहते हैं कि पकौड़े तलना भी एक रोजगार ही है। अब डाक्टर बनने का हमारा सपना सिर्फ एक सपना ही रह गया है।

गांव रालेगण सिद्धी में समाजसेवी अन्ना हज़ारे से हुई मुलाकात में वर्ल्ड मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों और पेरेंट्स ने उन द्वारा पिछले 3 साल से इंसाफ के लिए चल रही लड़ाई से अवगत कराया। साथ ही एस्सेनेल्टी सर्टिफिकेट और एमसीआई रिपोर्ट भी दिखाई। सारी बातें सुन कर उन्होंने बच्चों के भविष्य को बचाने का आश्वासन दिया।
वर्ल्ड मेडिकल कॉलेज, गिरावड़ (झज्जर) के विद्यार्थियों ने रविवार को दिल्ली में जनपथ से लेकर इंडिया गेट तक मार्च, इंडिया गेट पर नुक्कड़ नाटक और राजपथ पर मुंह पर काली पट्टी बांध कैंडल मार्च प्रदर्शन किया, जिसमें हमने अपनी आपबीती बताई कि किस प्रकार सरकार ने हमें एक प्राइवेट संस्थान में दाखिला दिला कर उसकी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया। जगह-जगह गुहार लगा कर भी सरकार अंधी बनी रही। यदि यही सब चलता रहा तो हमारा भविष्य क्या होगा? हम रक्षक ना बनकर भक्षक बनेंगे।

वर्ल्ड मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने गीत के माध्यम से सरकार द्वारा उनके साथ की जा रही घोर उपेक्षा व मैडिकल संस्थान के प्रबंधकों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों बारे अवगत करवाया तो मौके पर मौजूद लोगों ने भारी मात्रा में जनता ने हमारा समर्थन किया। जहां इंडिया गेट पर जनता को चंद घंटों में ही हमें भरपूर समर्थन दिया, वहीं पिछले 2 साल से हरियाणा सरकार चुप्पी साधे बैठी है।
उनका कहना था कि यह बहुत सोचने का विषय है कि हमारी व्यवस्था किस प्रकार से डाक्टर उत्पन्न करेगी, जब मौजूदा छात्र जो डॉक्टरी का सपना देख रहे हैं, वो सड़कों पर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि हमें पढ़ने का अधिकार नहीं मिला तो हमारा भविष्य यही होगा।
उन्होंने कहा कि यह बहुत विडंबना का विषय है कि एक तरफ तो देश के प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं की अपार सफलता दम भरते हैं और दूसरी ओर देश की भावी डॉक्टर सड़कों पर धक्के खाने को मजबूर हैं।
छात्राओं का कहना था कि एक तरफ सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है, वहीं ये सरकार बेटियों को पढ़ा तो नहीं पा रही है, उल्टा उन्हें रिक्शा चलाने और पकौड़े बेचने पर मजबूर भी कर रही है। देश की जनता यह सोचने को मजबूर हैं कि जिन डाक्टरों को इस वक्त अस्पतालों में हमारा मर्ज ठीक करना चाहिए, वे आज सड़कों पर जूते साफ करने, पकौड़े तलने तथा बसों में ठण्डे पेय बेच रहे हैं।

हम वर्ल्ड मेडिकल कॉलेज के छात्र मीडिया के माध्यम से लोगों को बताना चाहते हैं कि राज्य सरकार द्वारा दाखिल किए गए छात्रों की जिम्मेदारी लेने का घोषणा पत्र प्रदेश सरकारें भारत सरकार को लिखित में देती है परन्तु हरियाणा सरकार व पिछले 3 साल से अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है। हमारे जैसे डाक्टर समाज के लिए एक खतरा है।
ऐसे कॉलेज सरकार के उच्चाधिकारियों जैसे कि एसीएस अमित झा और वाईस चांसलर ओ.पी. कालरा से मिलीभगत करके ऐसे डाक्टरों को जन्म देने में लगे हुए हैं, जो इस समाज के लिए खतरा हैं। हम सब इस समाज के लिए खतरा नहीं बनना चाहते। दूसरों को मारने से अच्छा है कि हम खुद मर जाएं। हम इस समाज से और इस देश से माफी चाहते हैं और हम राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से और तमाम समाज से इच्छा मृत्यु की गुहार करते हैं।