एक बार फिर से सभी को अपनी शारीरीक रचना, शारीरिक कार्य और उसके पोषण की विधि का पाठ सीखना होगा। हमारे लिए क्या आवश्यक है और क्या नहीं इस पर सोच करने की सख्त आवश्यकता है। सुबह की ताजी हवा या सुबह AC में सोए रहना, सूर्यास्त के पहले खाना या देर रात खाना, खूब मेहनत करना या घर में बैठे रहना, हम कितना पानी पीते हैं और कितना पसीना बहाते हैं यह सब पुनर्विचार करने की बात है। हमारे खाने में क्या होना चाहिए और क्या नहीं यह भी सब जानने की आवश्यकता है। प्रकृति से जो हमें इलाज के लिए फल फूल जड़ी बूटी प्राप्त है उसकी जानकारी, उसका पठन बहुत आवश्यक है। अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना आपके जीवन का मुख्य लक्ष्य होना चाहिए। यह सब आपकी दिनचर्या में शामिल होना चाहिए। हम क्या बढ़िया पहनते हैं कितनी महंगी खरीदारी करते हैं, कितने लग्जरी लाइफ में रहते हैं यह सब बातें जीवन के आगे गौण है। हम स्वास्थ्य के लिये कितने जतन करते हैं यह आवश्यक है। इंसान अपने शरीर से प्रेम करना सीख ले और उसको मेंटेन करना सीख ले तो समझो उसका जीवन सफल। वही सच्चा रईस है।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)

