जांच एजेंसी ने इनमें से एक मुनासिब नाम के शख्स की पहचान कर ली है। मुनासिब सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है।एनआईए को शक है कि यह भी आनलाइन तरीके से आईएसआईएस से जुड़ा हुआ है। दरअसल अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जेलों से कैदियों को रिहा कर दिया गया था। रिहा होने वालों में कई आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरसान प्रोविंस आईएसकेपी के आतंकवादी और भारतीय भी है। ऐसे में जांच एजेंसी वहां के हालातों पर नजर बनाए रखें हुए हैं।
अफगानिस्तान के काबुल में गुरुद्वारे पर 25 मार्च 2020 को बड़ा आतंकी हमला हुआ था। इसमें भारतीय नागरिकों समेत 27 लोगों की मौत हो गई थी।इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसकेपी ने ली थी, जिसके बाद एनआईए ने एक अप्रैल 2020 को इस मामले में केस दर्ज किया था। पिछले साल ही सितंबर में एनआईए की टीम इस आतंकी हमले की जांच करने अफगानिस्तान गई थी।
हथियारों से लैस आतंकियों ने गुरुद्वारे में घुसकर गोलीबारी की थी। एनआईए को शक है कि इन हमलावरों में केरल का मुहसिन भी शामिल था।इसी के बाद से राष्ट्रीय जांच एजेंसी को अफगानिस्तान में रह रहे कुछ भारतीयों पर आतंकी संगठन से जुड़े होने का शक हुआ। एनआईए की शुरुआती जांच में ऐसे 25 भारतीय नागरिकों के नाम सामने आए हैं जो अफगानिस्तान में रह रहे हैं और इनका संबंध आतंकी संगठन से है।

