

नियामी : पश्चिमी अफ्रीका के देश नाइजर में तख्तापलट हो गया है. वहां सेना ने दावा किया है कि उन्होंने राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम की सरकार को उखाड़ फेंका है.
सेना का दावा है कि राष्ट्रपति के गॉर्ड ने ही उन्हें घर में नजरबंद कर हिरासत में लिया है. फिलहाल देश में कर्फ्यू की स्थिति है.
अचानक हुए इस घटनाक्रम ने नाइजर के आसपास मौजूद अफ्रीकी देशों को टेंशन दे दी है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, नाइजर के राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम, जिन्हें सेना ने सत्ता से हटा दिया है, वे पश्चिम अफ्रीका में इस्लामी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में एक प्रमुख पश्चिमी सहयोगी थे.
बता दें कि सैनिकों ने तख्तापलट की घोषणा बकायदा राष्ट्रीय टेलीविजन पर की है. सेना ने ऐलान करते हुए यह भी कहा है कि नाइजर के सभी संस्थानों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक नाइजर के राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को सत्ता से हटा दिया गया है. सैनिकों का एक समूह गुरुवार को राष्ट्रपति की गिरफ्तारी के बाद नेशनल टेलीविजन पर दिखाई दिया और तख्तापलट का ऐलान किया. इस घटना पर अमेरिका की तरफ से सख्त बयान आया है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि नाइजर को मिले वाली सहायता लोकतांत्रिक शासन पर ही निर्भर करेगी.
नाइजर के राष्ट्रपति ने बताया कि राष्ट्रपति गार्ड के सदस्यों ने उनके खिलाफ जाते हुए तख्तापलट को कोशिश की. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर राष्ट्रपति पीछे नहीं हटे तो सेना उन पर हमला करने के लिए तैयार है. राष्ट्रपति पद के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कहा गया कि राष्ट्रपति के गार्ड प्रदर्शन में शामिल थे. उन्होंने अन्य सुरक्षा बलों का समर्थन हासिल करने की भी कोशिश की.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विरोध करने वाले गार्ड राष्ट्रपति बजौम को राजधानी नियामी में राष्ट्रपति महल के अंदर पकड़ना चाहते थे. बुधवार की सुबह राष्ट्रपति महल और उसके बगल के मंत्रालयों को सेना की गाड़ियों ने अवरुद्ध कर दिया. कर्मचारी भी अपने दफ्तरों तक नहीं पहुंच पाए. हालांकि, बजौम समर्थकों ने राष्ट्रपति परिसर की ओर बढ़ने की कोशिश की, लेकिन राष्ट्रपति गार्ड के सदस्यों ने चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाकर उन्हें तितर-बितर कर दिया.
गौरतलब है कि नाइजर में इससे पहले भी मार्च 2021 में तख्तापलट की कोशिश हुई थी, जो नाकाम हो गई थी. दरअसल, तब भी बजौम चुने ही गए थे. उनके शपथ ग्रहण से कुछ दिन पहले एक सैन्य इकाई ने राष्ट्रपति महल पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी. जिसमें सफलता हाथ नहीं लगी थी.
2 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले नाइजर का दो तिहाई हिस्सा रेगिस्तानी है. यह देश संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक में सबसे नीचे है.
बुधवार को टेलीविजन पर इस सैन्य तख्तापलट की घोषणा करते हुए कर्नल मेजर अमादौ अब्द्रमाने ने कहा, सेनाओं ने फैसला किया है कि राष्ट्रपति बाजौम की इस सत्ता का अंत किया जाए. यह सुरक्षा, आर्थिक हालात और प्रशासन की लगातार खराब होती स्थिति के मद्देनजर किया जा रहा है. यह घोषणा करते वक्त अब्रमाने वर्दीधारी सैनिकों से घिरे थे. 1960 में फ्रांस से आजाद होने वाले नाइजर में बाजौम ने सत्ता दो साल पहले ही संभाली थी.