-: कांग्रेस पार्षद दल की अभिशंषा को भी किया दरकिनार
-:आरक्षण के विपरीत जाकर सरकार ने लगाया ठप्पा
-:सामान्य वर्ग को किया नजर अंदाज*
-:पुष्कर के इतिहास में पहली बार समान्य वर्ग को नही मिला तवज्जो
-: सिंधी समाज और कुमावत समाज को भी किया नजर अंदाज
-:कई पार्षदों ने दी समितियों से इस्तीफे देने की धमकी
तीर्थ नगरी पुष्कर में समितियों के गठन के बाद अब कांग्रेस में सहवरण सदस्यों के मनोनयन के बाद भूचाल आ गया। ओर अब बगावत सुर तेज शुरू हो गए है वही पूर्व में वरिष्ठ पार्षदो को नजर अंदाज करने पर कई पार्षदो ने तो समितियों से इस्तीफे देने तक कि धमकी दे डाली तो अब सहवरण सदस्यों में भी आरक्षण के विपरीत जाकर सरकार ने ठप्पा लगा देने से सामान्य वर्ग सहित सिंधी समाज और बहुतयात में रहने वाले कुमावत समाज के लोगो में गहरी नाराजगी उत्तपन हो रखी है पुष्कर के इतिहास में पहली बार सामान्य वर्ग को सहवरण सदस्यो को तवज्जो नही दिया गया जबकि नियम और आरक्षण के आधार पर दो सामान्य एक एसी ओर एक ओबीसी का सहवरण सदस्य मनोनीत किये जाते है लेकिन इस बार कांग्रेस के एक गुट ने दूसरे गुट को पटखनी देने एंव सत्ता में पकड़ होंने के कारण न बल्कि कांग्रेस पार्षद दल के द्वारा भेजे गए अभिशंषा को भी दरकिनार कर दिया। कांग्रेस पार्षद दल ने सभी जातियों महत्व देते हुए प्रमोद पाराशर संतोष कंवर कुमावत प्रेम मघानी प्रेम प्रकाश बाकोलिया ओर सुरेशनाथ पाराशर की सहवरण सदस्यो के लिए राज्य सरकार को अभिशंषा भेजी लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है कि राज्य सरकार ने एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता को खुश करने के चक्कर में अपने ही पार्षदो की अभिशंषा को दरकिनार कर दिया यही नही सिंधी ओर कुमावत समाज को भी दर किनार कर कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने अपने चहेतो को सहवरण सदस्य मनोनीत करवाने में सफलता हासिल करके पूर्व में तीन गुटो में बट रखी कांग्रेस में आग में घी डालने का काम कर दिया । आश्चर्य की बात है कि तीन गुटों में बटी कांग्रेस के लिए यह वर्चस्व की लड़ाई के चलते तथा एक दूसरे को पटखनी देने के चक्कर मे वरिष्ठ पार्षदो को समितियों से भी दर किनार कर दिया तथा कई पार्षदो को उनसे बिना राय लिए ही समितियों का अध्यक्ष बना डाला तो जिसके चलते पार्टी में बगावत के सुर शुरू हो गए तो वही अब सहवरण सदस्यो के मनोनयन के बाद अब कांग्रेस में जबरदस्त भूचाल आ रखा है यही नही कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओ को सहवरण सदस्यो का सपना दिखा रहे थे उन्होंने भी अब बगावत शुरू कर दी है यही नही पुष्कर में कांग्रेस में गुटबाजी के चलते कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मरण हो रहा है क्योंकि यंहा सभी गुट अलग अलग कार्यक्रम कर रहे है अब कांग्रेस का आम कार्यकर्ता जाए तो किधर जाए किस गुट को खुश रखे और किस गुट को नाराज वही कांग्रेस के गुट कार्यकर्मो में अपना शक्ति प्रदर्शन भी दिखाने से नही चूक रहे है आपसी गुटबाजी का खामियाजा जंहा कांग्रेस का आम कार्यकर्ता भुगत रहा है तो वही इनकी आपसी खींचतान के चलते पुष्कर का विकास भी अवरुध्द हो रखा है कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओ एंव सामान्य वर्ग सिंधी ओर कुमावत समाज को सहवरण सदस्यों में तवज्जो नही मिलने के कारण इसका जमकर विरोध कर रहे है ओर इस्तीफे तक देने की धमकी दे रहे है ।
पुष्कर के विकास और जनता की समस्याओं को भूलकर जनता के चुने हुए पार्षद काफी समय से सहवरण सदस्यो के चक्कर मे भागमदोड़ में लग रखें थे।लेकिन सबके सपने चूर हो गए और पुष्कर के इतिहास में पहली बार नियमो के विपरीत राज्य सरकार ने सहवरण सदस्य बनाकर सामान्य वर्ग को नजर अंदाज कर दिया तो वही कुमावत ओर सिंधी समाज की भी बेरुखी करके कांग्रेस में एक बार भूचाल ला दिया। अब देखना होगा कि कांग्रेस में चल रहा घमासान आगे क्या रंग लाता है। सब जनता के कामो ओर पुष्कर के विकास को भूलकर एक दूसरे को पटखनी में लग रखे है ।जिसका खामियाजा पुष्कर की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
अनिल सर संपादक बदलता पुष्कर