बीकानेर, । जिले में अवैध खनन पर शिंकजा कसा जाएगा। इसे लेकर जिला प्रशासन सख्ती के मूड में है। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने गुरूवार को इस मसले पर सभी उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदारों व पुलिस, खनिज विभाग के उच्चाधिकारियों की बैठक लेकर सख्त निर्देश दिए।
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि जिले में जिप्सम व बजरी के अवैध खनन पर हर हाल में रोक लगाई जाए। अवैध खनन पर जब तक रोक नहीं लग सकेगी, जब तक पुलिस एवं खनिज विभाग के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी भी इसमें अपनी सक्रिय भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि अवैध खनन के साथ-साथ ओवरलोड वाहनों की जब्ती की कार्रवाई की जाए। इसके लिए परिवहन विभाग के अधिकारियों को भी इस अभियान में जोड़ा जाए। अवैध परिवहन के मामलों में भी सख्ती बरती जाए, इसे लेकर अधिकारी समय-समय पर औचक निरीक्षण कर वाहनों की जांच करें और उन्हें जारी रवन्ना पर्ची की भी जांच करें। यदि किसी वाहन में रवन्ना पर्ची से अधिक माल है तो संबंधित वाहन मालिक के विरूद्ध कार्रवाई की जाए।

गौतम ने सभी उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में नियुक्त जोधपुर विद्युत वितरण निगम के अभियंता के साथ समन्वयक स्थापित कर बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे। साथ ही सौभाग्य योजना में जो कनेक्शन पेडिंग पड़े हैं, उन्हें एक सप्ताह में निस्तारित करते हुए सभी के कनेक्शन जारी किए जाए। उन्होंने राजस्व व विद्युत विभाग के अभियंताओं को निर्देश दिए कि यह भी सुनिश्चित कर लें कि काॅलेज, स्कूल और मकानों के ऊपर से बिजली के तार जा रहे हैं, उन्हें स्थानांतरित किया जाए ताकि किसी तरह की दुर्घटना न हो सके।
जिला कलक्टर ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अभियंता को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्र में पानी की जितनी भी योजनाएं वर्तमान में चल रही है, उनको जो एजेन्सी संचालित कर रही है, वह पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करें। साथ ही जलदाय विभाग अपने सभी जीएलआर पर नीले रंग से अपने विभाग का नाम लिखवाएं, जिससे जलदाय विभाग और ग्राम पंचायत द्वारा संचालित जीएलआर के चिन्हिकरण का कार्य आसानी से हो सके। उन्होंने कहा कि मनरेगा के माध्यम से डिग्गियों की सफाई का कार्य अगले एक माह में पूर्ण कर लिया जाए। साथ ही सभी उपखण्ड अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में जितने पानी के फिल्टर प्लांट हैं, उनका निरीक्षण भी करें।

जिला कलक्टर ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को कहा कि निरोगी राजस्थान के तहत प्रचार-प्रसार का कार्य किया जाए। सभी उपखण्ड क्षेत्रों में आईईसी मैटेरियल उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि उपखण्ड अधिकारी से समन्वय स्थापित कर उपखण्ड मुख्यालय पर राजकीय भवन खाली हो तो वहां योग सेंटर की स्थापना की जाए। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीण क्षेत्र में जहां पर राजकीय चिकित्सा संस्थान हैं, वहां बाॅयोमेट्रिक हाजिरी सिस्टम लगाया जाए।
गौतम ने सभी उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश कि वह यह भी सुनिश्चित करें कि पात्र व्यक्तियों को सौ दिन का रोजगार मिल जाए। मनरेगा के तहत जो कार्य 2017 में स्वीकृत हुए थे और वे अब तक पूर्ण नहीं हुए हैं, ऐसे कार्यों को निरस्त कर दिया जाए। सभी अधिकारी जन घोषणा पत्र की अनुपालना अपने-अपने क्षेत्र में सुनिश्चित करेंगे। भारतमाला प्रोजेक्ट में भुगतान की कार्रवाई तथा सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम में कार्यों की गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए।

जिला कलक्टर ने कहा कि पालनहार योजना के तहत विभिन्न उपखण्ड क्षेत्रों में एक हजार चार सौ बच्चों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इन सभी को शीघ्र आर्थिक इमदाद मिल जाए, इसके लिए उपखण्ड अधिकारी शिक्षा विभाग तथा सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के साथ मिलकर इन सभी बच्चों को योजना के तहत मिलने वाली धन राशि दिलवाना सुनिश्चित करेेंगे। सभी अधिकारी एनएफएसए के पात्र व्यक्तियों के नाम लिखने और हटाने की कार्रवाई करेंगे, साथ ही प्रत्येक सोमवार को सभी उपखण्ड अधिकारी नियमित रूप से सुनवाई करेंगे। जनसुनवाई की कार्रवाई विवरण जिला मुख्यालय को उसी दिन प्रेषित की जाए।

घुंघट प्रथा हटाने को लेकर चले एनोवेटिव सामाजिक अभियान
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि बीकानेर में घुंघट प्रथा हटाने पर प्रभावी कार्रवाई करने के लिए एक सामाजिक सुधार अभियान चलाया जाए। इसके लिए उन्होंने बीकानेर की उपखण्ड अधिकारी सुश्री रिया केजरीवाल व उप निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विकास हर्ष को कार्ययोजना बनाने को कहा और इसमें सामाजिक क्षेत्र में काम कर रहे स्वयंसेवी संगठनों को भी जोड़ने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद नरेन्द्रपालसिंह, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन ए.एच. गौरी, उपखण्ड अधिकारी बीकानेर सुश्री रिया केजरीवाल, भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी अभिषेक सुराणा सहित जिले के सभी उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार तथा जलदाय, विद्युत वितरण निगम, चिकित्सा, खनिज, शिक्षा, कृषि सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।