ओम एक्सप्रेस – अहमदाबाद।। कोविड-19 महामारी के संबंध में सरकार के दिशा निर्देशन को ध्यान में रखते हुए 50 लोगों के भीतर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान में रखते हुए
प्राइड ऑफ़ पांचाल विश्वकर्मा फाउंडेशन के सुनील भाई पंचाल व मयंक भाई पंचाल के नेतृत्व में समस्त पदाधिकारी द्वारा
आज कड़िया (सतवारा) विश्वकर्मा भवन में निर्मित विश्वकर्मा मंदिर नवा नरोडा अहमदाबाद पूर्व मे भगवान विश्वकर्माजी की पूजा-अर्चना एवं आरती व प्रसादी भोग का वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया।
सभी ने समस्त देशवासियों व विश्वकर्मा वंश परंपरागत कारीगर समाज को भगवान विश्वकर्मा के पूजा दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी।
पत्रकार वार्ता में अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा राष्ट्रीय महासचिव कालूराम लोहार वह राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री धनजीभाई पांचाल व गणपत भाई मिस्त्री ने कहा कि भगवान हमारे आराध्य देवता हैं। सृष्टि की रचना एवं समस्त निर्माण कार्य भगवान विश्वकर्मा ने किया है। भगवान विश्वकर्मा हमारे आराध्य देवता हैं। भगवान विश्वकर्मा समाज के गौरव व स्वाभिमान के प्रतीक है।
विश्वकर्मा समाज की पहचान भगवान विश्वकर्मा से बनी है।
विश्वकर्मा समाज का भावनाएं व आस्था भगवान विश्वकर्मा के पूजा दिवस से जुडी है।
भाजपा सरकार में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी व गुजरात के मुख्यमन्त्री विजयभाई रुपाणी को भी विश्वकर्मा पूजा का सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का ज्ञापन जिलाधिकारी के जरिए पूरे प्रदेश से दिए गए लेकिन विश्वकर्मा वंश कारीगर समाज के साथ अनदेखी कर विश्व के सर्जनहार भगवान विश्वकर्मा का अपमान कर किया है।
सरकार को इतनी बड़ी आबादी के स्वाभिमान की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए था।
कड़िया (सतवारा) समाज भवन में निर्मित विश्वकर्मा भगवान मंदिर में कालूराम लोहार, धनजीभाई पांचाल, गोविंदभाई पांचाल, गणपतभाई मिस्त्री, सुनीलभाई पांचाल, मयंकभाई पांचाल, शैलेशभाई पांचाल, हार्दिकभाई पांचाल, अभीभाई पांचाल, केतनभाई पांचाल, पुष्पकभाई कर्मभाई पांचाल, तेजेंद्रभाई पांचाल, यशभाई पांचाल, मिलनभाई पांचाल, करनाभाई लोहार, सुरेशकुमार लोहार, भारतीबेन पांचाल, गोपीबेन पांचाल आदि पदाधिकारी व अन्य प्रमुख भक्तगण कार्यक्रम में सम्मिलित होकर बड़े हर्षोल्लास के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा की।
उसके बाद समस्त पदाधिकारी विश्वकर्मा चौक नरोड़ा चौक आकर विश्वकर्मा जी को फूल माला पहनाकर ,अगरबत्ती कर प्रसाद वितरण करने के बाद में महासभा के राष्ट्रीय महासचिव कालूराम लोहार व गणपत भाई मिस्त्री ने संबोधित किया।