नई दिल्ली, 14 अक्टूबर 2025: भारत के प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में से एक, भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) सम्बलपुर ने अपने आईहब फाउंडेशन के दिल्ली चैप्टर की शुरुआत की घोषणा की। यह व्यवसाय इन्क्यूबेटर, आईआईएम सम्बलपुर द्वारा स्थापित एक पहल है, जिसका उद्देश्य विकसित भारत 2047” के विज़न के अनुरूप नवाचार प्रेरित उद्यमिता को प्रोत्साहित करना है।
यह शुभारंभ आईआईएम सम्बलपुर के वार्षिक व्यवसाय सम्मेलन मर्मग्या 10.0’ के प्रारंभिक कार्यक्रम के दौरान, संस्थान के दिल्ली परिसर में किया गया।

आई-हब फाउंडेशन का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में उद्यमियों, पूर्व छात्रों और उद्योग भागीदारों को जोड़ते हुए, नवाचार, इन्क्यूबेशन और निवेश के अवसरों का विस्तार करना है, जिससे नीति निर्माताओं, निवेशकों और कॉर्पोरेट नेताओं को एक सशक्त मंच प्रदान किया जा सके।

कार्यक्रम में ओएनडीसी (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं मुख्य वित्तीय अधिकारी विभोर जैन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। आईटीसी लिमिटेड के मानव संसाधन प्रमुख अल्ताफ़ हुसैन विशिष्ट अतिथि और माइक्रोसॉफ्ट एशिया की वरिष्ठ निदेशकग्राहक परामर्श फरहाना हक़ मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुईं।

अपने उद्घाटन भाषण में मुख्य अतिथि विभोर जैन, कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं मुख्य वित्तीय अधिकारी, ओएनडीसी ने कहा, “भारत आज डिजिटल परिवर्तन के अग्रणी देशों में से एक है — चाहे वह दुनिया का सबसे बड़ा बायोमेट्रिक पहचान कार्यक्रम हो या मोबाइल संपर्क से हर कोने को जोड़ने की क्षमता। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने से हमारी अर्थव्यवस्था अधिक एकीकृत, पारदर्शी और दक्ष बनी है, जिसने व्यवसायों को सशक्त करते हुए राष्ट्र की विकासगाथा को मजबूती दी है।”

आईआईएम सम्बलपुर के निदेशक प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने कहा, “आई-हब फाउंडेशन का दिल्ली चैप्टर हमारे नवाचार के सफर में एक नए अध्याय की शुरुआत है। उद्यमिता आईआईएम सम्बलपुर के मिशन के केंद्र में है, और यह विस्तार हमारे पूर्व छात्रों एवं नवप्रवर्तकों को ‘विकसित भारत 2047’ की भावना के अनुरूप राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का अवसर प्रदान करेगा।”

विशिष्ट अतिथि अल्ताफ़ हुसैन, मानव संसाधन प्रमुख, आईटीसी लिमिटेड, हरिद्वार एवं अध्यक्ष, एनएचआरडीएन उत्तराखंड चैप्टर ने कहा, “एक सच्चे नेता को नेतृत्व के पाँच ‘सी’ पर ध्यान देना चाहिए — कोर (Core), कोच (Coach), कनेक्ट (Connect), कांग्रैचुलेट (Congratulate) और कॉन्ट्रिब्यूट (Contribute)। एक अच्छा नेता केवल दूरदर्शी नहीं होता, बल्कि वह समाज की सेवा में समर्पित रहता है और देश की प्रगति में सहभागी बनता है।”

मुख्य वक्ता फरहाना हक़, वरिष्ठ निदेशक – ग्राहक परामर्श, माइक्रोसॉफ्ट एशिया ने कहा,“वैश्विक दक्षिण का वास्तविक उत्थान तब होता है जब विकास समाज को ऊपर उठाने का माध्यम बनता है।”

आईआईएम सम्बलपुर के आईहब फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी-प्रभारी प्रोफेसर अतुल प्रशर ने कहा,“एलुमनाई इन्क्यूबेशन योजना केवल एक मंच नहीं, बल्कि विचारों को प्रभाव में बदलने की प्रतिबद्धता है। सही मार्गदर्शकों और निवेशकों से जुड़ाव के माध्यम से हम आईआईएम सम्बलपुर समुदाय से टिकाऊ और उद्देश्यपूर्ण नवउद्यमों की नई लहर को आगे बढ़ा रहे हैं।”

आईआईएम सम्बलपुर के पूर्व छात्र आर्यन कुशवाहा (बैच 2019–21), प्रबंधक, शॉर्टहिल्स.एआई ने कहा,“आई-हब फाउंडेशन के दिल्ली चैप्टर का शुभारंभ हमारे लिए प्रेरणादायक कदम है। एलुमनाई इन्क्यूबेशन योजना का आरंभ ऐसे समय पर हुआ है जब एजेंटिक एआई जैसे नवउद्यम, जो स्वायत्त निर्णय लेने वाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रणालियों पर काम कर रहे हैं, भविष्य की सामान्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एजीआई) की नींव रख रहे हैं। ऐसे जटिल लेकिन उच्च क्षमता वाले नवउद्यमों के लिए शुरुआती चरण में सही मार्गदर्शन, तकनीकी सहायता और नीति सहयोग आवश्यक है। आई-हब इस दिशा में एक प्रभावी लॉन्चपैड साबित हो सकता है।”

आई-हब फाउंडेशन की पहली पहल के रूप में एलुमनाई इन्क्यूबेशन योजना की घोषणा की गई है, जो आईआईएम सम्बलपुर के पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित नवउद्यमों को प्रोत्साहित करेगी। यह पहल आत्मनिर्भर भारत के विज़न के अनुरूप मार्गदर्शन, निवेश नेटवर्क और निवेशक साझेदारी तक पहुंच प्रदान कर उद्यमशील नेतृत्व को सशक्त बनाएगी।

इस वर्ष मर्मग्या 10.0 का विषय है —
मल्टीपोलर विश्व में व्यवसायों का मार्गदर्शन: विकसित भारत 2047 के लिए विचार
यह प्रमुख व्यवसाय सम्मेलन देशभर के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, नीति निर्माताओं, उद्योग विशेषज्ञों, उद्यमियों और विद्यार्थियों को एक साथ लाकर व्यापार के भविष्य पर विमर्श का मंच प्रदान करता है।

पिछले एक दशक से मर्मग्या आईआईएम सम्बलपुर के लिए नवाचार, निष्ठा और समावेशिता के मूल्यों पर आधारित, अकादमिक जगत और उद्योग क्षेत्र के बीच सार्थक संवाद का एक प्रमुख मंच रहा है।