

त्रिवेणीगंज में काम के नाम पर सिर्फ आश्वासन।
प्रशांत कुमार /सुपौल
हिन्दी फ़िल्म दामिनी का डायलॉग “तारीख पर तारीख, तारीख़ पर तारीख़ औऱ अंत में मिली फ़िर एक तारीख़”को चरितार्थ करते सुपौल के त्रिवेणीगंज अनुमंडल क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और सरकारी बाबू. यहाँ फर्क सिर्फ इतना है कि पीड़ित राहगीर एक अदद पुल के बदले तत्काल डायवर्सन की मांग करते हैं तो यहाँ अधिकारी औऱ जनप्रतिनिधि आश्वासन के साथ साथ एक जर्जर चचरी भी लाखों की आबादी वाले आवागमन पथ पर नहीं दे पाते औऱ देते हैं तो सिर्फ एक नया आश्वासन.आज ऐसे हीं एक जीवंत मामले से आपको हम रूबरू कराते हैं।सुपौल जिला का दूसरा सबसे बड़ा प्रखंड माना जानेवाला त्रिवेणीगंज प्रखंड के अंतर्गत 27 पंचायत आते हैं त्रिवेणीगंज प्रखंड अररिया औऱ मधेपुरा जिले की सीमा से जुड़ा है इसी प्रखंड का एक पंचायत कुशहा मचहा है. प्रखंड मुख्यालय से इस पंचायत को जोड़ने वाली सड़क के बीच रास्ते त्रिवेणीगंज बाज़ार होकर गुजरने वाली नदी चिलौनी आती है जिसपर वर्ष 1977ई.में बिहार सरकार के तत्कालीन पीडब्लूडी मंत्री स्व.अनूपलाल प्रसाद यादव के कार्यकाल में आरइओ विभाग की ओर से एक पुल का निर्माण कराया गया था जिसके सहारे त्रिवेणीगंज प्रखंड मुख्यालय से मचहा कुशहा पंचायत वासियों संपर्क संभव हो पाया इसके साथ हीं मधेपुरा जिला के सुदूरवर्ती गाँव का भी संपर्क त्रिवेणीगंज बाज़ार से जुड़ा अमूमन हम यह कह सकते हैं कि लाखों की आबादी इस रास्ते दिन प्रतिदिन अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए त्रिवेणीगंज बाज़ार आते हैं।


गौरतलब हो कि
वर्ष 2008 में आई प्रलयंकारी बाढ़ में चिलौनी नदी पर बने इस पुल का एक पाया पानी के दवाब में धंस गया।जिसके बाद धीरे -धीरे यह पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गया.इस होकर आवागमन पूर्णतः बाधित हो गया जिससे तकरीबन दो जिला क्रमशः सुपौल औऱ मधेपुरा दोनों जिले के दर्जन भर गाँव का संपर्क मुख्यालय से टूट गया।जिसके बाद आमलोगों की परेशानी पर मरहम लगाने के लिए इस नदी पर स्थानीय प्रशासन औऱ जनप्रतिनिधि के सहयोग से लाखों की सरकारी राशि का बंदरबांट करते हुए दो बार डायवर्सन का निर्माण कराया गया जो पिछली बारिश में पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गया।जिसके बाद इससे दुखी ग्रामीणों ने पिछले एनएच 327ई. को जाम कर दिया था.घंटो जाम रहने के बाद स्थानीय अधिकारी के चचरी बनाने के आश्वासन पर जमाकर्ताओं ने जाम को समाप्त किया था लेकिन नतीजा कुछ औऱ निकला.अधिकारी के आश्वासन के बाद इस बात को ठंढे बस्ते में जाते देख स्थानीय ग्रामीण अपने कई मरतवे जनसहयोग से इस नदी पर चचरी का निर्माण किया औऱ यातायात बहाल हो सका हैं।जिससे आक्रोशित ग्रामीण सोमवार के दिन चचरी पर खड़े हो कर पूर्णतः रास्ते को जाम कर सरकार व सरकारी बाबू के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दिए.नारेबाजी का मुख्य कारण ग्रामीण बताते हैं कि पिछले दिनों इस टूटे चचरी से गर्भवती महिला को प्रसव के लिए त्रिवेणीगंज अस्पताल लाया जा रहा था की वह क्षतिग्रस्त टूटे चचरी पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी और गंभीर रूप से घायल हो गई थी।इधर इसकी जानकारी मिलने पर त्रिवेणीगंज एसडीएम विनय कुमार सिंह पहुंचे औऱ ग्रामीणों की समस्या से फ़िर रूबरू हुए।जिसके बाद एसडीएम ने फ़िर ग्रामीणों को आश्वासन दिए औऱ ग्रामीणों ने जर्जर चचरी को यातायात का सहारा मान रास्ते को चालू कर दिए।


पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद कई बार ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर सरकारी बाबू तक अपनी फ़रयाद लगाए लेकिन फ़रयाद के बदले मिला तो सिर्फ ग्रामीणों को आश्वासन ही हैं।अनुमंडल से लेकर सुपौल के जिलाधिकारी तक इस क्षतिग्रस्त पुल का दीदार पिछले दिनों कई बार कर चुके हैं।आक्रोशित ग्रामीणों के बीच पहुंचे त्रिवेणीगंज एसडीएम विनय कुमार सिंह ने कहा कि पुल का एस्टीमेट पुनःदुबारा बनाया जा रहा है फ़िर भी हम संबंधित विभाग को होली के बाद कह कर तत्काल डायवर्सन बनाने को कहते हैं….. अब देखना यह है कि सरकारी बाबुओं द्वारा पीड़ित ग्रामीणों को सिर्फ़ आश्वासन मिलता है या धरातल पर इस समस्या का निदान होता है।
