प्रसाद ने एक बयान में कहा, “उ.प्र. में शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा करने वाले प्रयागराज के पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ पंकज को वहां से हटाकर प्रतीक्षा सूची में डालकर क्या सरकार ईमानदार अधिकारियों का मनोबल तोड़ना चाहती है? क्या सरकार फर्जीवाड़े में शामिल लोगों को बचाना चाहती है?”
कौन हैं एसएसपी सत्यार्थ अनिरूद्ध
एसएसपी सत्यार्थ अनिरूद्ध मूल रूप से बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले हैं। उनका पूरा नाम सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज है जो कि 2010 बैच के आईपीएस अफसर हैं। पिछले साल अगस्त में सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को प्रयागराज का एसएसपी बनाया गया था। इससे पहले सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज एसटीएफ लखनऊ में तैनात थे। इससे पहले वह एसएसपी मथुरा थे, लेकिन 5 महीने में ही उनका यहां से ट्रांसफर कर दिया गया था।
एसएसपी प्रयागराज पद पर रहते हुए प्रयागराज की जनता ने जो प्यार और भरोसा दिया उसका मैं सदैव आभारी रहूँगा। आपका यह भरोसा पुलिस पर सदैव बना रहे यही कामना है। प्रयागराजवासियों को अशेष शुभकामनायें।
सत्यार्थ अनिरुद्ध पंक़ज़
-: क्या है मामला ?
एसएसपी प्रयागराज पंकज ने भर्ती अनियमितताओं में शामिल गैंग का भंडाफोड़ किया, लेकिन मामला बाद में विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंप दिया गया। 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती मामले में, अभ्यर्थी धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे थे, लेकिन कोई भी जांच करने के लिए तैयार नहीं। हालांकि, एफआईआर दर्ज होने के बाद एसएसपी ने कार्रवाई की।
सोमवार देर रात को तबादले के लिए दिए आदेश के अनुसार, कानपुर, पीलीभीत, सीतापुर, शाहजहांपुर, सहारनपुर, प्रयागराज, हाथरस, उन्नाव और बागपत जिलों के पुलिस प्रमुखों को बदल दिया गया है। प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। उन्होंने हाल ही में 69,000 शिक्षकों की भर्ती घोटाले का भंडाफोड़ किया। उनके स्थान पर पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीक्षित को प्रयागराज का नया वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बनाया गया है।