आगरा।आगरा बच्चे की नादानी कभी भी बच्चे की जान जोखिम में डाल सकती है इसका मासूम बच्चे को क्या मालूम वैसे तो दीपावली के अवसर पर देश के कई राज्यों में कोरोना महामारी के चलते पटाखे बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से कई जगह पटाखों की जमकर खरीद-फरोख्त हुई जिसका खामियाजा बच्चे को भुगतना पड़ा
दीपावली पर पटाखों ने जमकर कहर बरपाया। किसी की आंख झुलसी होगी तो किसी का हाथ। कुछ जिंदगी भर के लिए आंखें गंवा बैठे होंगे तो कइयों का दिमाग ही सुन्न हो गया होगा रोशनी के इस पर्व पर पटाखों के धमाकों ने कई परिवारों को अंधेरे में धकेल दिया होगा
दस वर्षीय अकिल पुत्र जावेद के लिए यह दीपावली बहुत ही पीड़ाकारी रही। थाना ताजगंज क्षेत्र के दीवान जी का मोहल्ला बिलोचपुरा खता के निकट रहने वाला अकिल को पटाखा चलाना उस समय महंगा पड़ गया जब वह घर के बाहर बच्चों के साथ आतिशबाजी का आनंद ले रहा था अचानक उसे एक बुझा हुआ पटाखा सड़क पर डला हुआ दिखाई दिया बच्चे ने इस दौरान माचिस की तीली से पटाखे की बत्ती पर आग लगाई। यह पटाखा अचानक उड़कर अकिल की आंख पर जा लगा और धमाका हुआ।
उसकी आंख झुलस गई अकिल जमीन पर गिर गया और बुरी तरह से तड़पने लगा। उसे तत्काल एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया वही क्षेत्रीय लोगों का यह भी कहना है कि जब पटाखों पर बैन लगा हुआ है तो बच्चे पटाखे कहां से खरीद कर ला रहे हैं यह जांच का विषय है क्षेत्रवासियों का यह भी कहना है कि बच्चों के परिवारी जन दीपावली पर अगर बच्चों पर ध्यान देते और बच्चों को पटाखों के प्रति जागृत करते तो शायद यह घटना न घटती त्योहारों पर बच्चों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है