” प्रदेश में कुल 706 बैंचों का गठन,बैंचो के प्रयास से प्रि-लिटिगेशन में 12700, एवं न्यायालयों में लंबित 63,252 कुल 75,952 प्रकरणों का निस्तारण कर कुल राषि रुपए 6,02,57,73,823 के अवार्ड पारित ”

– बैठक में प्रदेश से करीबन 300 न्यायिक अधिकारियों द्वारा भाग लिया

जयपुर,(दिनेश शर्मा” अधिकारी”)। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण 13 जुलाई को राष्ट्रीय लोक अदालत की अभूतपूर्व सफलता पर माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् संगीत लोढ़ा, प्रषासनिक न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में समस्त राजस्थान की वर्चुअल माध्यम से बैठक का आयोजन किया, जिसमें अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, न्यायाधीश, पारिवारिक न्यायालय, पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, समस्त राजस्थान के द्वारा भाग लिया गया। बैठक में दिनांक 10 जुलाई को आयोजित प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत की अप्रतित सफलता की सराहना करते हुए सभी संबंधित स्टेकहोल्डर्स का धन्यवाद ज्ञापित किया।

ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय लोक अदालत में राजस्थान उच्च न्यायालय सहित सम्पूर्ण प्रदेश में कुल 706 बैंचों का गठन किया गया, जिनके द्वारा प्रकरणों की ऑन -लाइन व ऑफ लाइन माध्यमों से सुनवाई की गई। बैंचां के प्रयास से प्रि-लिटिगेशन में 12700 प्रकरणों एवं न्यायालयों में लंबित 63,252 प्रकरणों, इस प्रकार कुल 75,952 प्रकरणों का राज्य भर में निस्तारण किया गया एवं कुल राषि रुपए 6,02,57,73,823 के अवार्ड पारित किये गये।

माननीय कार्यकारी अध्यक्ष महोदय द्वारा राजस्थान के सभी न्यायिक अधिकारियों, बैंक व बीमा कम्पनियों के पदाधिकारियों, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारीगण व कर्मचारियों तथा न्यायालयों के कर्मचारियों के द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के सफलतम आयोजन में दिए योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की व आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक 11 सितंबर के लिए प्रभावी रणनीति व सफल आयोजन हेतु सक्रिय योगदान प्रदान करने की दिषा में मार्ग प्रषस्त करते हुए प्रेरणास्पद संदेश दिया। वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस बैठक में रालसा के सदस्य सचिव ब्रजेन्द कुमार जैन ने बैठक में संयोजित सभी प्रतिभागीगण का स्वागत कर बैठक का शुभारंभ किया व निदेषक, रालसा द्वारा सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। बैठक में सम्पूर्ण प्रदेष से करीबन 300 न्यायिक अधिकारियों द्वारा भाग लिया गया।