नई दिल्ली।दिल्ली में तीनों नगर निगम के चुनाव से करीब डेढ़ माह पहले पूर्वी दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी की पार्षद गीता रावत को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद भाजपा को कुछ ऊर्जा मिल गई। दरअसल, आप नेता निरंतर तीनों नगर निगम में भष्टाचार होने के आरोप लगाकर भाजपा पर निशाने साध रहे थे। इसके अलावा दिसंबर 2020 में पार्टी पार्षद मुकेश महलावत के रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार होने के बाद से भाजपा काफी दबाव में भी थी। उसके नेता आप के आरोपों का जवाब नहीं दे पा रहे थे। हालांकि गीता रावत की गिरफ्तारी के बाद आप नेता चुप्पी साधे हुए है।

तीनों नगर निगम के चुनाव नजदीक आने के मद्देनजर पिछले छह माह से आम आदमी पार्टी के नेता लगातार भाजपा पर हमला बोल रहे है। वे भाजपा शासित तीनों नगर निगम के निर्णयों को आगे करके उस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे है। इस दौरान भाजपा पार्षद मुकेश महलावत की रिश्वत मामले में गिरफ्तारी के बाद तो आप नेता फूले नहीं समा रहे थे और वे अपने आरोपों पर मुहर लगने का दावा करने लग गए।

हालांकि भाजपा नेताओं ने आप को घेरने के लिए दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति का सहारा लिया, लेकिन इस मामले में राजधानी के लोगों का सहारा नहीं मिलने के कारण वह अकेली सी दिखाई दे रही है। इसी बीच शुक्रवार को गीता रावत की रिश्वत मामले में गिरफ्तारी के बाद भाजपा के नेता अचानक आप पर हमलावर हो गए और उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से आप पर निशाना साधना शुरू कर दिया।

गीता रावत प्रकरण के बाद आप कुछ दवाब में आ गई है और उसका कोई भी नेता कुछ नहीं बोल रहा है। यह पहला अवसर नहीं है जब आप का कोई नेता गिरफ्तार हुआ है। आप ने इससे भी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा है। उसके कई मंत्रियों एवं विधायक पर कई आरोप लग चुके है और वे विभिन्न मामलों में गिरफ्तार हो चुके है, मगर वह हर बार राजधानी की जनता को समझाने में कामयाब रही है और खासकर दिल्ली विधानसभा के चुनाव में राजधानी की जनता का विश्वास जीतने में कामयाब रही है। संभवत उसके नेता गीता रावत के मामले में भी पार पाने के प्रयास में लगे है।