सुपौल जिले की रहनेवाली महिला व्यवसायी अनुप्रिया ने सिंह पर भयादोहन, रंगदारी और गाली -गलौज का आरोप लगाया था। जानकारी के अनुसार अनिल कुमार सिंह ने जिले के वीरपुर में जलसंसाधन विभाग के द्वारा करोडों की लागत से बनाये गये कौशिकी भवन में फर्नीचर एवं साजो-सामान की आपूर्ति में आरटीआई के माध्यम से 7 करोड़ का घोटाला उजागर किया था। सूत्रों द्वारा कहा यही जा रहा है कि उसी घोटाले को उजागर करने संबंध में बदला लेने के लिये अनिल कुमार सिंह को फंसाया गया है।शनिवार की शाम पटना से लौटते वक्त सहरसा में सुपौल सदर पुलिस ने अनिल सिंह को गिरफ्तार किया। जहां से उन्हें किशनपुर थाना ले जाया गया। रविवार को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
न्यायिक हिरासत में भेजे जाने से पूर्व अनिल सिंह ने कहा “भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को प्रताड़ित किया जाना कोई नई बात नहीं है। हर कोई जानता है कि मुझे जिले के सबसे कद्दावर राजनेता और जिले के शीर्ष अधिकारी के खिलाफ होने की सजा दी जा रही है।शिकायतकर्ता महिला सिर्फ मोहरा है। आप मुझे जेल भेज सकते हैं, मेरे संकल्प की धार को कुंद नही कर सकते हैं।
देश की कानून व्यवस्था में मुझे पूरा विश्वास है, सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नही।”गौरतलब है कि आरटीआई के माध्यम से पिछले कई वर्षों में अनेक बड़े घोटालों का पर्दाफाश करने वाले अनिल कुमार सिंह ने वर्ष 2020 का बिहार विधान सभा चुनाव भी लड़ा था। उन्होंने सुपौल सदर विधान सभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। उनके परिजनों का मानना है कि वे राजनीतिक प्रतिद्वंदिता का शिकार हुये हैं । हाल ही में अनिल कुमार सिंह ने सुपौल डीएम महेंद्र कुमार के खिलाफ कार्मिक विभाग,भारत सरकार में शिकायत दर्ज कराया था।