– आचार्य बलदेव ने आर्य समाज के सिद्धांतों को प्रतिपादित किया
– आर्य समाज ने सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का कार्य किया
– आर्य समाज की राष्ट्र निर्माण में अतुलनीय भूमिका
हर्षित सैनी

रोहतक, 2 फरवरी। आर्य समाज एक समाज ही नहीं बल्कि एक आंदोलन है। आर्य समाज ने देश में सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का कार्य किया है। आर्य समाज ने पर्यावरण सुरक्षा, नशामुक्ति, महिला शिक्षा आदि पर बल देकर राष्ट्र निर्माण का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल दयानंद मठ में आर्य समाज के प्रांत स्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आचार्य बलदेव को श्रद्धांजलि दी और कहा कि आचार्य बलदेव ने आर्य समाज की सेवा की तथा उन्होंने आर्य समाज के सिद्धांतों को प्रतिपादित किया। मुख्यमंत्री ने आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा को अपने स्वैच्छिक कोष से 21 लाख रूपए की धनराशि देने की घोषणा भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय चिंतन आज के समय में बहुत बड़ा पहलू है। समाज में रोटी, कपड़ा और मकान मूलभूत आवश्यकता है लेकिन इसके साथ-साथ शिक्षा और संस्कार भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि मनुष्य समाज की मूल इकाई है, इसलिए मनुष्य का विकास जरूरी है। मनुष्य के विकास से ही राष्ट्र निर्माण होता है और राष्ट्र निर्माण में आर्य समाज की अतुलनीय भूमिका है।
उन्होंने कहा कि आज का युवा अपने पथ से भटक कर नशे की ओर बढ़ रहा है। प्राचीन समय में नशा बहुत कम होता था। युवाओं में नशे की बढ़ती हुई लत पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश में जिस भी गांव के दस प्रतिशत लोगों की गांव में शराब का ठेका न खोलने की मांग होगी उस गांव में शराब का ठेका नहीं खोला जाएगा। युवाओं के चरित्र को ऊंचा उठाने के लिए सरकार हर प्रकार का उचित कार्य करने के लिए तैयार है।
खट्टर ने कहा कि आर्य समाज ने जाति-पाति का विरोध किया। आर्य समाज की शिक्षाओं में एक बहुत बड़ा भाव है कि जाति-पाति में उलझकर समाज कभी भी विकसित नहीं हो सकता। हमने जाति-पाति के भेदभाव को दूर करने के लिए हरियाणा एक-हरियाणवी एक का नारा दिया। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद जयंती 18 फरवरी को प्रदेशभर में मनाई जाएगी। इस दिन स्वामी दयानंद की शिक्षाओं पर चर्चा होगी।

दयानंद जयंती पर चण्डीगढ़ में विधायकों के लिए होगा कार्यक्रम
सरकार ने निर्णय लिया है कि महर्षि दयानंद जयंती के अवसर पर 18 फरवरी को चण्डीगढ़ में सभी विधायकों को आमंत्रित करके महर्षि दयानंद की शिक्षाओं पर चर्चा की जाएगी। इसी प्रकार के कार्यक्रम शिक्षण संस्थाओं में भी आयोजित किए जाएंगे।
उपस्थित लोगों ने अपने हाथ खड़े करके मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव का समर्थन किया कि महापुरूषों की जयंती पर राजपत्रित अवकाश के स्थान पर वैकल्पिक अवकाश होना चाहिए और उनके सिद्धांतों और विचारों पर चर्चा होनी चाहिए ताकि आम जनता को प्रेरणा मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जीरो बजट खेती की सराहना की है। इस कार्य के लिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि जीरो बजट खेती से बीमारियां दूर होगी और किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि आचार्य बलदेव ने अपना सम्पूर्ण जीवन आर्य समाज की सेवा में लगाया। उन्होंने कहा कि आर्य समाज व संस्था है जिसने राष्ट्रीय निर्माण का कार्य किया है। आर्य समाज ने सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार कर देश को एक नई दिशा दी।
उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों का ज्ञान दिया। स्वामी दयानंद ने ही देश के लोगों का परिचय वेदों से करवाया। उन्होंने अपने स्वैच्छिक कोष से दस लाख रूपए की राशि आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा को देने की घोषणा भी की।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि पूरे प्रदेश में प्राकृतिक खेती का अभियान चलाया जाएगा जोकि जीरो बजट पर होगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती करने से लोगों में हो रही कैंसर, शुगर आदि जैसी गंभीर बिमारियों पर लगाम लगेगी। उन्होंने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश में 50 हजार किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। अगले साल तक हिमाचल में ढाई लाख किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ देंगे।

उन्होंने कहा कि गुजरात में डेढ़ लाख लोगों के पास देशी गाय है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों को कहा कि पूरे देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाए। हमने 2022 तक पूरे हरियाणा प्रदेश को भी जहर मुक्त खेती से मुक्त करने की योजना बनाई है।
इस अवसर पर उपायुक्त आर.एस.वर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल, रामपाल आर्य प्रधान आर्य सभा रोहतक, उपकुलपति एमडीयू रोहतक राजवीर आर्य, सुमित्रा आर्य रोहतक, प्रकाश आर्य मंत्री सार्वदेशिक सभा रोहतक, डॉ. सुरेंद्र कुमार, संरक्षक परोपकारी सभा अजमेर, धर्मपाल आर्य, मंत्री आ.प्र. सभा दिल्ली, विनय आर्य मंत्री आ.प्र. सभा दिल्ली, आचार्य सोमदेव, मलारना चौड़ राजस्थान, डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी, क्षेत्रीय निदेशक, जींद, डॉ. सुरेंद्र कुमार, संस्कृत विभागाध्यक्ष, एमडीयू रोहतक, आचार्य हरिदत्त, गुरूकुल भैयापुर लाढ़ौत, डॉ. प्रमोद योगार्थी, हिसार,आचार्य ऋषिपाल फरीदाबाद, आचार्य वेदमित्र रोहतक, आचार्य वेदनिष्ठ, गुरूकुल जूआं सोनीपत, आचार्य सर्वमित्र आर्य, स्वामी प्रणवानंद गु. गौतम नगर दिल्ली, स्वामी देवव्रत, अध्यक्ष सार्वदेशिक आर्य वीर दल, स्वामी विदेहयोगी, कुरूक्षेत्र, स्वामी बलेश्वरानंद, पुण्डरी, स्वामी धर्मदेव जींद, स्वामी सोमानंद, रोजड़ गुजरात, स्वामी सुखानंद फतुही राजस्थान, स्वामी राजनाथ भिवानी, वैद्य दयानंद गिरि भिवानी, डॉ. सुकामा आर्या, गुरूकुल रूडक़ी रोहतक, आचार्या राजबाला, आचार्या दर्शना, आचार्या सुनीता, आचार्या अमरकौर, आचार्या चन्द्रकला, आचार्या बन्तो देवी, उमेद शर्मा मंत्री भिवानी, राधाकृष्णन आर्य पंचकूला, अशोक पारासर, अशोक कुमार, कमल सिंह आर्य, जगदीश सींवर, डॉ. राजेंद्र विद्यालंकार कुरूक्षेत्र, देवव्रत आर्य, ब्रह्मदेव आर्य, रघुवीर सिंह, रमेश आर्य, रामकुमार आर्य, वीरेंद्र आर्य, सुभाष चन्द्र सिंघल, सोमनाथ कैथल, सतीश कुमार बंसल यमुनानगर, नरवीरलाल चौधरी, देशबंधु आर्य, डॉ. जगदीश, डॉ. कुलवीर छिक्कारा रोहतक, सत्यवान आर्य, मनजीत श्योराण, जयवीर, कुलदीप आदि उपस्थित थे।