जयपुर। प्रदेश की सेहत की तस्वीर जल्द ही एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। फिर चाहे लिंगानुपात की सूचना हो या बीमारियों का डाटा विश्लेषण या क्षेत्रवार विभिन्न कार्यक्रमों की सूचना। इन महत्त्वपूर्ण जानकारियों के लिए बार-बार मुख्यालय को जिलों में संदेश नहीं भेजना होगा। यह संभव होगा ई-स्वास्थ्य ऐप ( E Swasthya App ) के जरिए।

आमतौर पर हैल्थ से जुड़ी सूचनाओं के लिए मुख्यालय पूरी तरह से जिलों में बैठे अधिकारियों पर निर्भर रहता है। मुख्यालय से बार-बार सूचनाएं मांगी जाती है, लेकिन जिलों में पर्याप्त संसाधन नहीं होने के चलते न तो समय पर सूचना मिलती है और न ही बीमारियों की सही तस्वीर मुख्यालय पर आती है। ऐसे में सेहत से संबंधित सूचनाओं को ऑनलाइन करने के लिए ई-स्वास्थ्य ऐप के जरिए दो जगह डिजिटल हैल्थ सर्वे प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। अब प्रदेशभर में इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इस प्रोजेक्ट को एसीएस चिकित्सा विभाग रोहित कुमार सिंह मॉनिटर कर रहे हैं। चिकित्सा विभाग के अनुसार हर घर का डाटा तैयार करने के लिए आशा सहयोगिनियों के माध्यम से हैल्थ सर्वे किया जा रहा है। काम को आसान बनाने के लिए दो ब्लॉक की आशा सहयोगिनियों के मोबाइल में ई-स्वास्थ्य ऐप इंस्टॉल किया गया।

आशा सहयोगिनियों ने घर-घर जाकर ऐप के जरिए 250 से अधिक सूचनाओं को एकत्र किया गया। साथ ही रिपोर्ट भी जनरेट हो गई। अब अगले चरण में सभी आशा सहयोगिनियों के मोबाइल में ऐप इंस्टॉल किया जाएगा ताकि सर्वे का काम आसानी से हो सके।पांच जगह एक साथ शुरू होगा जानकारी के अनुसार पहले चरण में जयपुर जिले के गोविंदगढ़ और सीकर जिले के श्रीमाधोपुर में यह प्रोजेक्ट शुरू किया था। गोविंदगढ़ में 47 हजार और श्रीमाधोपुर में 44 हजार घरों का डाटा लिया गया। इसके बाद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्देश पर डिजिटलाइजेशन का दायरा बढ़ाया जा रहा है। अब जोधपुर, अजमेर, सीकर, उदयपुर और सिरोही जिलों में एक साथ यह प्रोजेक्ट फरवरी के मध्य में शुरू किया जाएगा। एक अपे्रल से पूरे प्रदेश में डिजिटल हैल्थ सर्वे का काम शुरू होगा।- शुरुआत में दो जगह हैल्थ सर्वे प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी। एक अप्रेल से प्रदेश में हैल्थ सर्वे शुरू होगा। फिलहाल डिजिटलाइजेशन का दायरा बढ़ाकर जोधपुर, अजमेर, सीकर, उदयपुर और सिरोही जिलों में एक साथ यह प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। नरेश ठकराल, एमडी, एनएचएम- इस कार्य के संचालन के लिए स्टेट मॉनिटरिंग यूनिट गठित की गई है। इसमें हर घर का डाटा मौजूद होगा। लोगों को बेहतर चिकित्सा मिल सकेगी। रविन्द्र शर्मा, विशेषाधिकारी, एनएचएम