अजमेर । इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसायटी द्वारा मुकुंद गार्डन में मोहम्मद रफ़ी के विविध गीतों को लहरिया थीम रखते हुए तुम मुझे यूं भुला न पाओगे स्वरांजलि कार्यक्रम में सदस्यों ने एक से बढ़कर एक गीत सुनाकर समां बांध दिया ।
प्रणय नंदी जी ने इस भरी दुनिया में, लक्षमण चैनानी दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर, मंजू चैनानी रहा गर्दिशों में हरदम, रजनीश मैसी तकदीर का फसाना, डॉ रजनीश सक्सेना टूटे हुए ख्वाबों ने, चतुर्भुज प्रियानी ए हुस्न जरा जाग, देवी सिंह रावत ओ दुनियाँ के रखवाले सुन, गोपेन्द्र पाल सिंह ये दुनिया ये महफिल के गमगीन माहौल को, डॉ अजीत सिंह तुम जो मिल गए हो तो ये लगता है, डॉ लाल थदानी पत्थर के सनम तुझें हमने, पूनम गीतांजलि आजा तुझको पुकारे मेरा प्यार,  डेसमंड रंग और नूर की बारात, लक्ष्मण हरजानी आना है तो आ राह में सुनाकर सब की तालियां बटोरी । दलवीर सिंह फौजदार यही है तमन्ना तेरे दर, महेश लौंगानी नैन लड़ जैहैं तो मनवा मा कसक, धर्मेंद्र श्रीवास्तव पुकारता चला हु मै गली गली बहार, भारत गोकलानी ने तू इस तरह से मेरी जिंदगी में सभागार तालियों की गूंज के साथ आयोजक भी थिरकने लगे ।
युगल गीतों में कुंज बिहारी लाल उषा मित्तल ने छुप गए सारे नजारे, नीरज मिश्रा रश्मि मिश्रा कोयल बोली, प्रणय नंदी जी ने बिटिया गीतांजली  के साथ ये परदा हटा दो, डॉ विकास सक्सैना मनीषा सक्सेना अभी न जाओ छोड़कर, कमर जहाँ शकील खॉन वादा करले साजना सुनाकर सबका दिल जीता । रूमानी और मस्ती भरे सत्र में मनोज अग्रवाल लिखे जो खत तूझे वो तेरी याद मे, पुष्पा क्षेत्रपाल रिमझिम बरसता सावन होगा, शंकर धनवानी आने से उसके आए बहार, प्रकाश जेठरा ये रेशमी जुल्फे ये शरबती आँखे, प्रदीप गुप्ता आज की रात मेरे दिल की, रजनी चांदावत छू लेने दो नाजुक होठों को, मीना खियालानी जब जब बहार आई की मधुर झंकार के अलावा ओ पी चाश्ता, अजय कुलश्रेष्ठ ने भी प्रभावित किया ।
 विशेष अतिथि दलबीर जी, डॉ सतीश शर्मा,श्रीमती भारती नंदी, डॉ सक्सेना, डॉ पंडित, डॉ अजीत सिंह ने सदस्यों को देवीसिंह के सौजन्य से प्रदत्त ट्रॉफी भेंट की । व्यवस्था में कुंज बिहारी , समीर गर्ग और संचालन डॉ लाल थदानी का रहा ।
अंत में  सामूहिक रूप से  मोहम्मद रफी का तुम मुझे यूं भुला न पाओगे गाना गाकर कार्यक्रम का समापन किया।