अजमेर।(अशोक लोढ़ा जैन ) मिले सुर मेरा तुम्हारा की कड़ी में इण्डिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसाइटी का गीत संगीत में अल्लाह ही अल्लाह कर प्यार और प्यार बांटते चलो गीत सुनाकर सर्वधर्म सदभाव का संदेश के साथ दिवाली मिलन कार्यक्रम सानंद संपन्न हुआ । सभी सदस्यों ने एकल और युगल गीतों , देश भक्ति , भजन और रोमांटिक तथा दर्द भरे गीतों से एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी ।
अध्यक्ष निर्मल परिहार सांस्कृतिक प्रभारी प्रणय नंदी हनीफ मोहम्मद और दयाल प्रियानी , महेश लौंगानी ने आगंतुकों का स्वागत किया ।भारती नंदी और डॉ लाल थदानी के साथ विजय शर्मा और सभी सदस्यों ने ये तो सच है कि भगवान है समूह गीत गाकर समां बांध दिया । निर्मल परिहार, कुंज बिहारी लाल, प्रणय नंदी हनीफ मोहम्मद और दयाल प्रियानी , महेश लौंगानी, लक्ष्मण हरजानी,कमर जहां,शकील खान,डॉ. अजीत सिंह, डॉ सतीश शर्मा, गोपेन्द्र सिंह राठौड़, उषा मित्तल, रश्मि मिश्रा, पुष्पा क्षेत्रपाल, रजनी चंदावत, नानग सिंह, डेसमंड फ्रेंकलिन, रजनीश मैसी, लता लखियानी, गीतांजलि नंदी, पियूष गुप्ता, डॉ अभिषेक माथुर , देवीसिंह भाटी, फरहान खान, विजय हलदानिया, गुलाब वर्मा, प्रकाश झमटानी , पुष्पा क्षेत्रपाल , नीरज श्रीवास्तव , चतुर्भुज प्रियानी , अब्दुल कुरेशी, शरद शर्मा, आदि की उम्दा गायकी रही ।लक्ष्मण चैनानी, गोपेंद्र, कमरजहां और मंजू चैनानी ने व्यवस्था संभाली । महासचिव कुंज बिहारी ने सुंदर गाने के माध्यम से आज की रात मेरे दिल की सलामी लेले गाकर सब का आभार व्यक्त किया ।
इन सदस्यों ने अपनी अपनी प्रस्तुति दी
पहली बार प्रस्तुति देने वालों में पियूष गुप्ता – इश्क छुपता नहीं छुपाने से और संदेश आते हैं , योगेश चौहान -चाँद कि दीवार न तोडी प्यार भरा, डॉ अभिषेक माथुर – पुकारता चला हूं मैं , सीए आशीष प्रियानी ने आज जाने की जिद ना करो गाकर युवा गायकी के नए आयाम स्थापित किए ।भजनों में लक्ष्मण हरजानी – अल्लाह ही अल्लाह कर प्यारे , कमर जहां – तुम्ही मेरे मंदिर तुम्ही मेरी पूजा ,पुष्पा क्षेत्रपाल – भर दे रे श्याम झोली भर दे, गुलाब चंद वर्मा ओ दुनिया के रखवाले ने माहोल भक्तिमय कर दिया ।
एकल गीतों में शकील खान -ये दिल न होता बेचारा कदम ना होते, डॉ. अजीत सिंह – दिल क्या करे, जब किसी को
निर्मल सिंह परिहार – यमा यमा ये खुबसुरत जहां , दयाल प्रियानी – खुदा भी आसमां से जब ज़मीन पर देखता होगा, नीरज पंवार का मेरे सपनों की रानी, चतुर्भुज प्रियानी – ना तुम हमे जानो ना हम तुम्हे, रजनीश मैसी – तू गंगा की मौज मे जमना धारा , डेसमंड फ्रेंकलिन – ओ ओ मेरी जाना डूंडे तुझे जमाना, प्रकाश झमटानी – माना हो तुम बेहद हसीं, नीरज मिश्रा ने सोचेंगे तुम्हे प्यार करें की नहीं, विजय हलदानिया- मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूंगा, देवी सिंह रावत – दिन ढल जाए हाए रात न जाए, गुलाब चंद वर्मा – गोरे गोरे मुख पर काली आंखें, शरद शर्मा ने कहना है आज तुमसे पहली बार गीतों की भी उन्मुक्त प्रशंसा हुई ।
युगल गीतों में महासचिव कुंज बिहारी ने वंदना मिश्रा के साथ – दिल है कि मानता नहीं और उषा मित्तल के साथ इतना तो याद है मुझे गाकर दिल जीता । लता लखियानी ने महेश लौंगानी के साथ लोग कहते हैं मैं शराबी हूं और डॉ लाल थदानी के साथ तेरे संग प्यार मैं नहीं तोड़ना में वाह वाही लूटी । हनीफ साब और प्रणय नन्दी ने बने चाए दुश्मन जमाना, दयाल प्रियानी मीना खियालानी -आजा सनम मधुर चांदनी , लक्ष्मण चैनानी ने पहले पत्नी मंजू के साथ जाने image0.jpegimage1.jpegजहां ढूंढता फिर रहा और फिर गीतांजलि नंदी के साथ ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं गाकर समां बांधा। फरहान ने मंजू के साथ ए मेरे हमसफ़र और फिर गीतांजलि नंदी के साथ वादा रहा सनम गाकर युवा धड़कनों के गीत गाए । रजनी चंदावत ने पति के साथ महबूब मेरे तू है तो दुनिया, रश्मि मिश्रा ने कोई शहरी बाबू कोई लहरी और डॉ सतीश शर्मा के साथ जब दीप जले आना के साथ सोलो और जुगल बंदी में तालियां बटोरी ।