-किसी दूसरे से कॉम्पीटिशन के बजाय खुद से मुकाबला ज्यादा बेहतर

जयपुर। सपने हर इंसान देखता है, लेकिन उनको पाने के लिए मेहनत और ईमानदारी ही आपकी जीत सुनिश्चित करते हैं। आपकी गोल के प्रति क्लीयरिटी ही सक्सेस की गारंटी है। हमें किसी दूसरे से कॉम्पीटिशन के बजाय खुद से ही मुकाबला रखना चाहिए। खुद से कॉम्पीटिशन आपके जीवन से नकारात्मकता को दूर रखेगा। ये कहना है आईएएस ऑफिसर उन मिलहै राजौरिया का। शुक्रवार को फोर्टी विमन विंग की ओर से ऑनलाइन आयोजित ‘इंस्पायरिंग विमन सीरीज’ की 11वीं कड़ी में प्रेसिडेंट नेहा गुप्ता से चर्चा करते हुए राजौरिया ने कहा कि मेरे अंदर बचपन से ही कुछ नया करने और कुछ कर दिखाने की चाह थी। मैंने हमेशा अपने लक्ष्य साफ रखे और उन्हें पाने के लिए शिद्दत से मेहनत की।

-आपके सपने की अहमियत कोई और नहीं समझ सकता

सेशन में मेंबर्स को सक्सेस के टिप्स देते हुए उन्होंने कहा कि सोसायटी में पहले के मुकाबले थोड़ा बदलाव जरूर आ रहा है, लेकिन अपने हिस्से के आसमां को मुठ्ठी में करने के लिए हमें खुद ही मेहनत करनी होगी। हालांकि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के सामने ज्यादा चैलेंजेज रहते हैं, सेक्रिफाइज हम औरतों को ज्यादा करने पड़ते हैं। आपके सपने की अहमियत कोई और नहीं समझ सकता, हमें ही उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। भगवान भी जानता है कि औरतें पुरुषों के मुकाबले ज्यादा मल्टीटास्किंग है, तभी तो उसने हमेें ज्यादा जिम्मेदारियां सौंपी हैं।

-विमन एंटरप्रेन्योर्स के लिए स्पेशल स्कीम्स

सेशन में सेक्रेटरी ललिता कुच्छल से इंटरेक्शन में विमन एंटरप्रेन्योरशिप पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अभी देश की इकोनॉमी आप जैसे एंटरप्रेन्योर्स के कंधों पर टिकी है। हमें इनोवेशन के साथ आगे बढऩा होगा और चैलेंजेज को ही अपॉच्र्यूनिटीज में बदलना होगा। उन्होंने बताया कि रीको, आरएफसी, एमएसएमई जैसे कई डिपार्टमेंट्स में विमन एंटरप्रेन्योर्स के लिए विशेष सुविधा है, उनके लिए स्पेशल स्कीम्स है, जिनका फायदा उठाते हुए वे देश के विकास में अपना योगदान दे सकती है। सेशन में रिचा चाहतानी, अल्का अग्रवाल और अदिती खंडेलवाल सहित बड़ी संख्या में मेंबर्स ने हिस्सा लिया।