गंगाशहर । आत्मा भिन्न है व शरीर भिन्न है। शरीर नाशवान है पर आत्मा अजर अमर है। हमें शरीर के साथ ही आत्मा के विकास हेतु जागरूक रहना चाहिए। जिस प्रकार मक्खन व घी छाछ से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। उसी प्रकार शरीर को छाछ व आत्मा को घी मानकर उसकी सुरक्षा को ध्यान में रखना ही हितकर होता है। ये उद्गार मुनि श्री सुमतिकुमार जी ने तेरापंथ भवन में नेत्रदानी इन्द्रचन्द जी दूगड़ की स्मृति सभा में व्यक्त किये। मुनि श्री ने कहा कि कई व्यक्ति पुण्यवान होते हैं, उनके पादस्पर्ष मात्र से वहां सबकुछ अनुकूल होने लगता है। इस तरह के व्यक्तियों के नेतृत्व में विकास उत्थान होना स्वाभाविक है।इस अवसर पर श्री नईलेन ओसवाल पंचायती प्रन्यास के मंत्री कन्हैयालाल बोथरा ने कहा कि श्रीमान् इन्द्रचन्द जी दूगड़ ने लगातार 23 वर्ष तक प्रन्यास के मंत्री पद पर रहते हुए पंचायती के विकास में महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। उनके निर्देशन में ही बने अतिथि भवन व जारी गतिविधियां समाज के लिए बहुत उपयोगी है। बाफना अकादमी के सीईओ डॉ. पी. एस. वोहरा ने कहा कि श्री इन्द्रचन्द जी दूगड़ ने 11 वर्ष तक चेयरमेन रहते हुए अकादमी को बीकानेर के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों में पहचान बनाई। उनके द्वारा निर्धारित प्रशासनिक व्यवस्थाऐं व सिस्टम ही हमारे विकास के लिए अनमोल विरासत है। वोहरा ने कहा कि गुरू ग्रंथ साहब की वाणी में कहा गया है कि जीवन उसी का सार्थक है जिसके जाने पर दुनिया उसे याद करें। उन्होंने कहा कि दूगड़ जी महान् व्यक्तित्व के धनी थे।महापौर नारायण चौपड़ा ने कहा कि श्री इन्द्रचन्द दूगड़ से मिलने पर हमेशा नई प्रेरणा मिलती थी। वे दृढ़मनोबल के धनी थे। चौपड़ा ने कहा कि दूगड़ जी सकारात्मक सोच वाले व मधुरभाशी व्यक्ति थे। इस अवसर पर करुणा इण्टरनेशनल बीकानेर के मंत्री गिरिराज खैरीवाल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाशमल दूगड़ व महामंत्री पद्मचन्द छाजेड़ से प्राप्त संदेश का वाचन किया। खैरीवाल ने कहा कि दूगड़ की प्रेरणा व नेतृत्व में बीकानेर में करुणा गतिविधियों को प्रारम्भ करने व 275 विद्यालयों में विद्यार्थियों में सद्संस्कार सम्प्रेशण का महत्वपूर्ण कार्य हो सका है। स्मुति सभा में बोलते हुए लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि श्री इन्द्रचन्द दूगड़ ने जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के आंचलिक प्रभारी के रूप में भी सेवाऐं प्रदान की है। छाजेड़ ने कहा कि गंगाषहर नागरिक परिशद् ने श्री दूगड़ के नेत्त्व में गंगाशहर राजकीय अस्पताल के विकास, गोचर भूमि के संरक्षण व तारबन्दी आदि अनेक समाज के दायित्वपूर्ण महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। जय तुलसी फाउण्डेसन के हंसराज डागा ने श्री दूगड़ के मिलनसार व्यक्तित्व व अद्भुत कृतित्व क्षमता की बात कही।जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, गंगाशहर के अध्यक्ष डॉ. पी. सी. तातेड़ ने कहा कि श्री इन्द्रचन्द जी दूगड़ ने अपना जीवन उच्च आदर्शों से जीया। ’नीयत गैल बरकत है’ उनका ध्येय वाक्य था। उनके द्वारा लिखी गई संस्मरणों की पुस्तक का शीर्षक भी यही है। वास्तव में यह बहुत प्रेरक है। उन्होंने कहा कि इनके संस्मरणों को पढ़कर लगता है श्री दूगड़ जी को वचनसिद्धि प्राप्त थी। तेरापंथी महासभा व अणुव्रत महासमिति के राष्ट्रीय प्रभारी प्रकाश भंसाली ने कहा कि श्री दूगड़ जी के आदर्षों को जीवन मंे आत्मसात करें तभी उनकी सच्ची स्मृति होगी।इस अवसर पर जतनलाल दूगड़ ने अपनी श्रद्धाभिव्यक्ति करते हुए कहा कि निष्चय ही भाई साहब वर्द्धमान के प्रतीक रहें हैं। उनके जीवन के प्रारम्भ से ही पारिवारिक, आर्थिक, व्यवसायिक प्रतिष्ठा की अभिवृद्धि के साथ ही जिन संस्थाओं में जुड़े उनके विकास के नये आयाम जुड़े। कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला उद्योग केन्द्र, कोटा के महाप्रबन्धक राजेन्द्र सेठिया ने श्री दूगड़ के सामाजिक व धार्मिक जीवन की जानकारी प्रदान की। उन्होंने श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि श्री दूगड़ जी ने शिक्षा, चिकत्सा, संस्कार व सामाजिक क्षेत्र में बहुआयामी उल्लेखनीय सेवाऐं समाज को दी हैं।श्री इन्द्रचन्द दूगड़ को श्रद्धांजलि व्यक्त करने के लिए केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, विधायक बिहारीलाल विश्नोई, भाजपा जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाष आचार्य, महामंत्री मोहन सुराना आदि अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने निवास स्थल पर पहुंच कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये।