नईदिल्ली,(दिनेश शर्मा”अधिकारी”)।इसराइल ने पेगासस स्पाइवेयर के दुरुपयोग के आरोपों की जांच के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया है।पेगासस जासूसी सॉफ़्टवेयर के कई देशों में ग़लत इस्तेमाल की रिपोर्ट आने के बाद ये फ़ैसला लिया गया है. अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से ये ख़बर दी है.
इसराइली कंपनी ‘एनएसओ ग्रुप’ पेगासस स्पाइवेयर अलग-अलग देशों की सरकारों को बेचती है.
कंपनी के क्लाइंट्स की जिन लोगों में दिलचस्पी थी, उनसे जुड़े 50 हज़ार नंबरों का एक डेटाबेस लीक हुआ है और उसमें 300 से ज़्यादा नंबर भारतीय लोगों के हैं.
पेगासस का इस्तेमाल कर कई पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, नेताओं, मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के फ़ोन की जासूसी करने का दावा किया जा रहा है.
पेगासस जासूसी मामले में वो सवाल जिनके जवाब अब तक नहीं मालूम है।भारत के अलावा फ़्रंस, मेक्सिको, मोरक्को और इराक़ में भी इसका इस्तेमाल होने की बात सामने आई है।इसराइल ने जांच के लिए मंत्रियों के एक समूह का गठन किया है. हालांकि, इस बात के आसार बहुत कम हैं कि स्पाइवेयर बेचने पर किसी तरह के नए प्रतिबंध लगाए जाएं.
इसराइल के प्रधानमंत्री नेफ़्टाली बेनेट ने अख़बार सूत्रों के हवाले से लिखता है, “इसका उद्देश्य ये जानना है कि क्या हुआ, मामला क्या है और उससे क्या सीख ली जा सकती है.”मंत्रियों के इस समूह का नेतृत्व इसराइल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख करेंगे. वो सीधे इसराइल के प्रधानमंत्री नेफ़्टाली बेनेट के प्रति उत्तरदायी होते हैं.
इस फ़ैसले को लेकर एनएसओ के प्रवक्ता ने कहा, “हम इसराइल की सरकार द्वारा लिए किसी भी फ़ैसले का स्वागत करते हैं और हम आश्वस्त हैं कि कंपनी की गतिविधियों में कोई गड़बड़ी नहीं है.”पेगासस स्पाईवेयर के जरिए भारत के 40 से ज़्यादा पत्रकारों की जासूसी का दावा किया है।
– छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
– छत्तीसगढ़ में होगी पेगासस मामले की जांच
पेगासस जासूसी मामले पर हो रहे हंगामे के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वो राज्य में इस मामले की जांच कराएंगे। सूत्रों के मुताबिक उनके पास सूचना है कि बीजेपी सरकार के दौरान पेगासस बनाने वाली कंपनी के अधिकारी यहां आए थे और कुछ लोगों से संपर्क किया था.।राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है.
भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह से कहा कि वो बताएं कि एनएसओ के अधिकारियों की किनसे मुलाक़ात हुई थी और किस तरह का सौदा किया गया था।उन्होंने कहा कि एनएसओ का कहना है कि वो केवल सरकार के साथ काम करती है तो भारत सरकार को बताना चाहिए कि उसके साथ सौदा हुआ है या नहीं.