नई दिल्ली,(दिनेश शर्मा “अधिकारी “)।
भाजपा को छोड़ बाकी राजनीतिक दलों तथा उनके नेताओं पर ताबड़तोड़ कार्रवाई को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की खूब चर्चा हो रही है। इन कार्रवाइयों को लेकर राजनीतिक दलों में घमासान और देश भर में हड़कंप मचा हुआ है। ईडी ने तीन महीनों में डाले छापों में करीब 100 करोड़ रुपये के कैश जब्त किए हैं, वहीं, मार्च 2022 के अंत तक ईडी के पास एक लाख करोड़ की संपत्ति अटैच थी। यह संपत्ति उन मामलों से संबंधित है जो अभी विचाराधीन हैं। छापे के बाद अक्सर ईडी के अधिकारी बड़े-बड़े कंटेनर में रुपये ले जाते हुए दिखाई देते हैं। मीडिया के सामने जब्त किए नगद को ‘ई’ और ‘ड’ अक्षरों के आकार में रखा जाता है। अब ईडी की चिन्हित कार्रवाई पर नहीं, उसके द्वारा जब्त पैसों के बारे में जानकारी दी गई है। बताया गया है कि छापे में जब्त नगदी को जांच अधिकारी सीधे अपने कार्यालय ले जाते हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी कोई भी हो, चाहे ईडी हो, सीबीआई हो या इनकम टैक्स, इन सभी को मनी लॉन्ड्रिंग, घोटालों, कर अनियमतताओं और किसी भी तरह अनियमितता की स्थिति में छापा मारने और जब्त हुई किसी भी तरह की सामग्री, रुपयों या प्रॉपर्टी की जांच करने का अधिकार है।
साल 2014 से 2022 तक ईडी की सर्च साल 2004 से 2014 के मुकाबले 27 गुना ज्यादा है। इस दौरान सर्च की संख्या 3010 है, जो 2004 से 2014 के बीच महज 112 थी। मार्च 2022 के अंत तक ईडी के पास एक लाख करोड़ की संपत्ति अटैच थी। यह संपत्ति उन केसों से संबंधित है जो अभी विचाराधीन हैं, जबकि ईडी के पास 57 हजार करोड़ की जो अन्य संपत्ति है, वह पोंजी स्कैम और बैंक घोटाले से संबंधित है।