बीकानेर / राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुरमें लंबित एक रिट याचिका में प्रतिवादी महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय वन्य को यह निर्देश दिए के प्रार्थी पवित्र जाजड़ा का द्वितीय वर्ष का परिणाम घोषित किया जावे जिसे बंद लिफाफे में विश्वविद्यालय ने माननीय न्यायालय को सौंपा जिसे खोलने पर प्रार्थी को उत्तीर्ण पाया गया, जिस पर माननीय न्यायालय ने प्रार्थी पवित्र जाजड़ा को तृतीय वर्ष के परीक्षा आवेदन के अंतिम तिथि 24 नवंबर थी के पश्चात भी ऑफलाइन फॉर्म जमा करने के लिए स्वतंत्रता दी तथा विश्वविद्यालय को ये निर्देश किए की वह उसे स्वीकार करें । गौरतलब है कि वर्ष 2018 में प्रार्थी पवित्र जाजड़ा ने रिट याचिका इस बाबत प्रस्तुत की थी कि उसे बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा में प्रवेश पत्र में उसके द्वारा परीक्षा आवेदन में भरे गए विषयों के अतिरिक्त विषयों के का प्रवेश पत्र दे दिया गया । जिस पर माननीय उच्च न्यायालय में परीक्षा आवेदन में भरे गए विषयों की परीक्षा में ही बिठाने के आदेश अंतरिम रूप से प्रार्थी के पक्ष में दिया था ।परंतु उसके बाद विश्वविद्यालय में ना ही उसका प्रथम वर्ष का परिणाम रोका बल्कि द्वितीय वर्ष की परीक्षा में भी बिठा दिया परंतु द्वितीय वर्ष की परीक्षा का परिणाम याचिका लंबित होने का कहते हुए रोक लिया गया जिस पर प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता निमेष सुथार व वी आर चौधरी ने आवेदन कर प्रार्थी का द्वितीय वर्ष का परिणाम घोषित करने व तृतीय वर्ष की परीक्षा के लिए आवेदन स्वीकार करने के लिए विश्व विधालय को निर्देशित करने के लिए किया जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए उक्त आदेश पारित किया।