रिपोर्ट -भारती भाई
भारत की सबसे अधिक जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में पिछले 5 साल से सत्तारूढ़ योगी सरकार का यदि हम लेखा-जोखा लें और उनकी कुंडली पढ़ें तो साफ नजर आता है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ से पार पाना मुश्किल है क्योंकि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी का सबसे बड़ा वोट बैंक ब्राह्मण बनिए राजपूत एकजुट है जिसको भेद पाना अत्यंत मुश्किल है। फिर योगी सरकार ने जिस तरह से मुस्लिम तुष्टीकरण की कांग्रेस बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की नीतियों को दरकिनार करते हुए पूरे प्रदेश का 36 बिरादरी की दृष्टि से समुचित विकास करने की पथ अख्तियार किया उससे तो यूं लगता है कि किसी भी भांति उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को हरा पाना मुश्किल है।
आज बेशक आम आदमी पार्टी के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पिछले कई दिनों से सक्रिय हैं और उत्तर प्रदेश में कुछ खास करने के मूड में हैं जिसके चलते उन्होंने अपनी राजनीतिक गोटियां फिट करनी शुरू कर दी हैं उन्होंने उत्तर प्रदेश के लोगों से साफ तौर पर कहा है कि 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी जैसे कि दिल्ली में दी जा रही है इसी तरह मनीष सिसोदिया ने यह भी कहा है कि उत्तर प्रदेश की शिक्षा जगत के ढांचागत परिवर्तन की जरूरत है इस हेतु वे यदि सरकार बनाते हैं तो यहां के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को दिल्ली की भांति विदेशों में ट्रेनिंग हेतु भेजेंगे और सरकारी विद्यालयों की शिक्षा गुणवत्तापूर्ण हो सकेगी जिसके चलते आमजन का बच्चा भी पूरी तरह से उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अर्जित कर सकेगा। लेकिन उत्तर प्रदेश में शिक्षा का अवलंबन लेकर आम आदमी पार्टी लगता नहीं कि कुछ खास असर डाल पाएगी क्योंकि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण बनिए राजपूत सर्वाधिक शिक्षित हैं और वहां के शिक्षा जगत पर आज भी उनका एकाधिकार है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी ऐसे में शिक्षा का हथियार बनाकर यदि आम आदमी पार्टी वहां चुनाव लड़ना चाहती है तो तीनों ही वर्ग किस तरह उसको महत्व दे सकते हैं कम समझ आता है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी जो समस्या आज तक रही है वह अराजकता की रही है वहां योगी सरकार के सत्तासीन होने तक गांव-गांव गली-गली में समानांतर सरकारें चलती थी और माफियाओं के हाथ में उनकी बागडोर हुआ करती थी लेकिन जैसे ही योगी सत्तासीन हुए उन्होंने पुलिस को खुली छूट दी और ऐसे माफियाओं को एनकाउंटर कराना शुरू किया जिसकी आज यदि गिनती की जाए तो सैकड़ों की संख्या में होगी इसके चलते अपराधी वर्ग में खौफ पैदा हुआ और देखते-देखते उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ नीचे गिरता चला गया जिसका एक मात्र श्रेय यदि योगी सरकार को दिया जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं। अब जबकि उत्तर प्रदेश में चुनावी रण दुंदुभी बजने में अधिक समय नहीं रह गया एक भविष्य की राजनीतिक तस्वीर जो सामने उभर कर आती है उससे तो फिलहाल यूं ही लग रहा है कि योगी आदित्यनाथ फिर उसी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर सकते हैं।बाकी चुनावी परिस्थितियां चुनाव को किस तरह प्रभावित करती हैं इस पर भी बहुत कुछ निर्भर रहेगा।