बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, सचिव विनोद गोयल, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल सचिव वीरेंद्र किराडू, हनुमान झंवर, रमेश अग्रवाल, के.के. मेहता, दिलीप रंगा, राजाराम सारडा एवं निर्मल पारख ने केन्द्रीय बजट पर अपनी मिलिझुली प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया कि इस बार का बजट व्यापारियों व उद्यमियों के लिए मिला जुला रहा है | आयकर की घोषणा में हुई गलती को दो साल में सुधारा जाने, विकलांग व्यक्तियों के लिए कर में राहत देना, कर संबंधी प्रोत्साहन देने के लिए पात्र स्टार्टअप को शामिल करने की अवधि को बढाना जैसी घोषणा सराहनीय है | कोरोना काल की मार झेल चुके उद्यमी और व्यापारी वर्ग की इस बजट से जो उम्मीद थी उस हिसाब से उद्यमियों व व्यापारियों को ख़ास लुभा नहीं पाया | सबसे ज्यादा कोरोना महामारी के कारण मार झेल चुके होटल, पर्यटन एवं शादी विवाह समारोह से जुड़े व्यापारियों को बजट में राहत मिलने की उम्मीद थी लेकिन इन सभी सेक्टर से जुड़े व्यापारियों को बजट में सुविधा के नाम पर दरकिनार किया गया | जहां एक और केंद्र सरकार से पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की आशा थी वो पूरी नहीं हो सकी | उद्योगों में सोलर लगाने पर सब्सिडी मिलने की आस भी पूरी नहीं हुई | विशेषकर आयकर में विभिन्न छूट मिलने की उम्मीद पर भी पानी फिर गया | सीनियर सिटिजन उद्यमियों व व्यापारियों के लिए पेंशन स्कीम को भी लागू नहीं किया गया | कुल मिलाकर यह बजट उद्यमियों व व्यापारियों के लिए कोई विशेष फायदा नहीं दे पाया है |