– स्टेडियम में मीडिया कवरेज के लिए नहीं की गई कोई व्यवस्था।
बीकानेर /ऊंट उत्सव को अंतरास्ट्रीय पर्यटन मानचित्र में लोकप्रिय बनाने में अहम् भूमिका निभाने वाले ऊंट उत्सव में इस बार मीडिया के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। इसके चलते इसको कवर कर रहे ईलेक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया के संपादक रिपोर्टर विरोध कर रहे है। मीडियाकर्मियों के लिए स्थान तय करना तो दूर की बात है एक कुर्सी तक की व्यवस्था नहीं की गई। स्थानीय फोटोग्राफर्स व यू ट्यूब ब्लॉगर्स का गुस्सा फूट पड़ा है। ये लोग सोशल मीडिया के जरिए स्थानीय लोगों को इस उत्सव में भाग न लेकर बहिष्कार करने की बात कह रहे है।

इन लोगों का कहना है इस उत्सव कवर करने के लिए भारत के अलग-अलग क्षेत्रों से भारतीय फोटोग्राफर्स व यू-ट्यूब ब्लॉगर्स आये हुए है, जिन्हें विदेशी सैलानियों से पीछे रखा जा रहा है, ऐसे में वे लोग ना तो कार्यक्रम को अच्छे से देख पा रहे है और ना ही कवर कर पा रहे है। इस भेदभाव के चलते बीकानेर के फोटोग्राफर का प्रतिनिधि मंडल जिला कलक्टर ज्ञापन देने के लिए एकत्रित हो रहे है। इन मीडियाकर्मियों और फोटोग्राफर्स का कहना है उनके साथ ऐसा व्यवहार करना कतई शोभा नहीं देता। उन्होंने बताया कि भारत में सबसे बड़ा आयोजन कुंभ मेले का होता है और उस मेले में भारतीय व विदेशी सैलानी बड़ी संख्या में शामिल होते है, लेकिन यहां के जैसा भेदभाव व मिनी मिस मैनेजमेंट देखने को नहीं मिलता।

उत्सव को जितना हाईलाइट मीडिया कर है उतनी ही अव्यवस्थाएं इस आयोजन की बैंड बजाने में लगे है। यहाँ तक की चार चार संचालक होने के बाद भी बाहर से आने वाले लोगों को रोचक जानकारी देने के बजाय माइक से कुर्सियां करने, मैदान, स्टेज खाली कराने तक सञ्चालन सिमित रहा है। स्टेज का माइक भी प्रतियोगिताओं के दौरान कई बार बंद हुआ। अव्यवस्थाओं का विरोध मैदान में कुछ मीडियाकर्मियों ने किया लेकिन उन्हें किसी तरह शांत कर दिया गया।