प्रशांत कुमार/सुपौल
जिले के त्रिवेणीगंज प्रखंड मुख्यालय से सटे मचहा(कुशहा) जानेवाली मुख्य सड़क मार्ग में चिलोनी नदी पर बनें जर्जर व क्षतिग्रस्त पुल करीब चार साल पूर्व नदी में अत्यधिक जलस्तर बढ़ने के दबाब को नहीं झेलकर तास के पत्ते की तरह देखते ही देखते धरासायी हो गया था। पुल के धरासायी होने के बाद एक बड़े आबादी के लोगों को आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गई थी। जिसे देखते हुए उक्त नदी पर आवागमन को बहाल करने की उदेश्य से ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल त्रिवेणीगंज के द्वारा लाखों की लागत से डायवर्सन का निर्माण कराया गया था और लोगों का आवागमन डायवर्सन के माध्यम से होने लगा। लेकिन पुनः एक साल बाद नदी के जलस्तर में एकाएक वृद्धि होने के कारण जलस्तर के दबाब को डायवर्शन बर्दास्त नहीं कर पाया और वह टूट कर बिखर गया। हालांकि पुनः नए सिरे से उक्त स्थल पर विभागीय स्तर पर डायवर्सन का निर्माण कराया गया लेकिन वह भी महज एक साल में ही धराशायी हो गया। आवागमन की भीषण समस्या को देखते हुए ग्रामीण स्तर से आवागमन बहाल करने को लेकर उक्त स्थल पर बाँस बल्ले का चचरी पुल का निर्माण कराया गया. लेकिन वह चचरी पुल जर्जर होने की स्थिति में हैं. जिससे लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन करने को विवश है। होली पर्व से पूर्व ग्रामीणों के द्वारा आवागमन की समस्या को लेकर चचरी पुल के पास दो घंटे तक आवागमन बाधित कर प्रदशर्न किया ।
प्रर्दशनकारियों ग्रामीण की मांग थी कि अभिलंब आवागमन की समस्या की दिशा में करवाई की जाय। प्रर्दशन के दौरान ग्रामीण यह भी नारा लगा रहे थे कि पुल नहीं तो वोट नहीं। सूचना पाकर जाम स्थल पर पहुँचे अनुमंडल पदाधिकारी विनय कुमार सिंह ने ग्रामीणों की समस्या से अवगत होकर क्षतिग्रस्त डायवर्सन को होली के तुरंत बाद दुरुस्त करवाकर आवागमन को बहाल करने का आश्वासन तो दिया लेकिन होली के तीन दिन बीत जाने के बाद भी क्षतिग्रस्त डायवर्सन का श्रीगणेश नहीं हो पाया हैं। जिससे लोग में काफी आक्रोश व्याप्त हैं।