बीकानेर जाम्भाणी साहित्य अकादमी बीकानेर द्वारा बच्चों के लिए आयोजित ऑनलाइन पंचदिवसीय जाम्भाणी संस्कार शिविर सोमवार को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। समापन दिवस पर बोलते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईपीएस प्रेमसुख डेलू ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा की आपमें में लगन और दृढ़ संकल्प है तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता, मंजिल अवश्य ही मिलेगी,आपको एक लक्ष्य निर्धारित करके उसे प्राप्त करने के लिए दिन-रात जुट जाना है, सफलता आपके कदम चूमेगी।

अकादमी के प्रेस संयोजक पृथ्वी सिंह बैनीवाल ने बताया कि समापन सत्र में अकादमी के अध्यक्ष आचार्य कृष्णानंद ऋषिकेश ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में बच्चों को सर्वांगीण विकास के लिए गुरु जाम्भोजी की शिक्षाओं पर चलने का आह्वान किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। वयोवृद्ध जाम्भाणी संत सोनड़ी धाम के महंत स्वामी हरिदासजी ने भी बच्चों को आशिर्वचन कहे। इनसे पूर्व निर्धारित सत्र में अकादमी के कोषाध्यक्ष आर के बिश्नोई दुबई ने जैव विविधता, जैविक खेती, वनस्पतियों के महत्व और रक्षण की प्राचीन जाम्भाणी परम्परा तथा आधुनिक विज्ञान के संदर्भ में बताते हुए कहा की इस धरती पर पेड़ पौधों की उपस्थिति ही हमारे सुरक्षित जीवन की गारंटी है,अगर पेड़ नहीं रहेंगे तो निश्चय ही हम भी नहीं बचेंगे। अकादमी के संरक्षक और आचार्य पीठ मुकाम के अधिष्ठाता आचार्य डॉ संत गोवर्धनरामजी शिक्षा शास्त्री ने जाम्भाणी संस्कृति, संस्कार, त्यौहार और मेलों के बारे में बताते हुए कहा की एक संस्कारित मनुष्य ही सुन्दर समाज तथा समर्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। उन्होंने बताया की आजकल जो भयंकर संक्रामक बिमारियों से विश्व जूझ रहा है उसके बारे में जाम्भाणी संस्कृति ने पांच सौ वर्ष पूर्व सचेत कर दिया था। अकादमी के संगठन सचिव एडवोकेट संदीप धारणियां ने बच्चों के लिए चलाए जा रहे अकादमी के विभिन्न प्रकल्पों के बारे में बताया।

समापन पर शिविर के संयोजक आचार्य सच्चिदानंदजी लालासर साथरी ने सभी अतिथियों, वक्ताओं, बच्चों और उनके अभिभावकों का धन्यवाद दिया। समापन सत्र का संचालन अकादमी के महासचिव डॉ सुरेन्द्र कुमार ने किया। शिविर का तकनीकी प्रबंधन डॉ लालचंद ने किया।