• सोलर से चलने वाले इन सेंटर में नेत्र देखभाल प्रदान करने वाली नॉन-प्रॉफिट संस्था ‘ऑर्बिस’ ने ग्रामीण समुदायों में 20 लाख से ज्यादा लोगों को सेवाएं प्रदान करके लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा है।
• 5 सेंटर महिलाओं द्वारा चलाये जाते हैं, इससे पुरुषों और महिलाओं के बीच लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलता हैं।

13th जुलाई 2022, नई दिल्ली –ऑर्बिस इंटरनेशनल ने हाल ही में 18 ग्रीन विजन सेंटर खोलने की घोषणा की है। ये सेंटर भारत के केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्यों में ग्रामीण समुदायों के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण नेत्र देखभाल सेवाएं आसानी से उपलब्ध कराएँगे। हर एक सेंटर को न्यूनतम कार्बन प्रभाव के तहत डिज़ाइन किया गया है और सेंटर को उन जगहों पर स्थापित किया गया हैं जहाँ से 100,000 से ज्यादा की आबादी के लोगों की सेवा की जा सके। यूएसएआईडी और लावेल फंड फॉर द ब्लाइंड के सहयोग से 14 सेंटर खोले गए हैं। सभी 18 सेंटर ऑर्बिस लोकल पार्टनर्स के सहयोग से चलाए जा रहे हैं।

ग्रीन विजन सेंटर एक इनोवेटिव दृष्टिकोण है जो न केवल उन समुदायों में आंखों के स्वास्थ्य की गुणवत्ता में सुधार करता है जिनके पास परंपरागत रूप से देखभाल तक पहुंच नहीं है बल्कि यह फ्रंट पर सस्टेंबिलिटी के साथ काम करता है। सेंटर सौर ऊर्जा से चलते हैं। जैसा कि सभी जानते हैं कि सौर ऊर्जा एक ऐसा समाधान जो पर्यावरण के अनुकूल है और यह लगातार बिजली की कटौती के कारण होने वाली समस्याओं से भी निपटने में मदद करता है। सौर ऊर्जा रहने से यह सुविधा रहती है कि बिजली न रहने पर भी आंखों की देखभाल बिना किसी रुकावट के होती रहती है। सेंटर पर आउटरीच टीमें इलेक्ट्रिक स्कूटर से स्थानीय स्कूल और डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग प्रोग्राम आयोजित करके कम्युनिटी के बीच जागरूकता पैदा करती हैं।
ऑर्बिस इंडिया के कंट्री डायरेक्टर डॉ ऋषि राज बोराह ने कहा, “किसी भी देश की तुलना में भारत में बच्चे ज्यादा अंधे होते हैं। वहीँ इनमे से आधे केसेस में नज़र को वापस लाया जा सकता है बशर्ते शुरूआती पहचान और इलाज के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए।”

डॉ बोराह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए आगे बताया, “अगर परिवार के पास आँखों की इस तरह की समस्या के लिए शुरूआती पहचान और इलाज की सुविधा घर के पास उपलब्ध हो तो इस समस्या से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है। यही कारण है कि आज जितने भी ग्रीन विजन सेंटर चल रहे हैं उन पर मुझे बहुत गर्व है। बच्चों के लिए, ग्रामीण समुदायों के लिए और हमारे ग्रह के लिए ये सभी सेंटर उनकी बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं।”

ग्रीन विजन सेंटरों में बच्चों को आंखों की जांच, चश्मा और अन्य नेत्र देखभाल सेवाओं की मुफ्त सुविधा उपलब्ध रहती है। सेंटर कम्युनिटी को बिना किसी रुकावट के प्राथमिक नेत्र देखभाल सेवाएं भी प्रदान करते हैं। नियमित आंखों की जांच कराने से बीमारी जल्दी पकड़ में आती है जिससे उसके सफल इलाज की संभावना ज्यादा होती है। काम्प्लेक्स केसेस जिनमें ज्यादा एडवांस केयर की जरुरत होती है, उसके लिए हर सेंटर रेफरल के लिए एक हॉस्पिटल से जुड़ा होता है। कर्मचारी स्क्रीनिंग भी करते हैं और सेंटर्स के आसपास के समुदायों में स्थित स्कूलों और डेकेयर सेंटर्स में बच्चों को चश्मा भी प्रदान करते हैं।

पश्चिम बंगाल में पांच ग्रीन विजन सेंटर महिलाओं और लड़कियों द्वारा चलाये जाते हैं। ये महिलाएं समाज की कई बेड़ियों को तोड़कर इन सेंटर को चलाकर समाज में एक नया सन्देश दे रही हैं। ऑर्बिस ने महिलाओं के नेतृत्व वाली मैनेजमेंट टीमों को सेंटर चलाने, रोजगार सृजन के माध्यम से कम्युनिटी में महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी फाय्नैन्शियल इंडिपेंडेंस (वित्तीय स्वतंत्रता) बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग प्रदान की है। नई फैसिलिटीज में काम करने के लिए दस विजन तकनीशियनों और पांच सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पहले ही ट्रेंड और काम पर लगाया जा चुका है। महिला कर्मचारी होने का एक अतिरिक्त लाभ यह है कि भारत में ग्रामीण समुदायों में कई महिलाओं द्वारा अपने बच्चों के लिए आंखों की देखभाल कराने की ज्यादा संभावना बनती है जब सेंटर महिलाओं द्वारा चलाया जाता है।