

बीकानेर (ओम एक्सप्रेस )। मनुष्य के पास अपनी अनुभूतियों की अभिव्यक्ति देने के विभिन्न सार्थक साधन होते हैं । अभिव्यक्ति के लिए मनुष्य विभिन्न कलाओं का सहारा लेता है । एक सतत प्रक्रिया, एक साधना के तहत वह समाज, देश को काल से परे कालजयी उपलब्धि सौंप देता है । ऐसे ही समाजसेवी हीरालालजी हर्ष का जन्म 2 जनवरी 1960 को बीकानेर में मोतीलालजी हर्ष के यहाँ हुआ ।हीरालालजी ने प्राथमिक शिक्षा के बाद राजकीय सार्दुल उच्च माध्यमिक विद्यालय में दाखिला लिया । पढाई के दौरान वर्ष 1975-76 के लिए कक्षा प्रतिनिधि चुने गए । तत्पश्चात राजकीय डूंगर महाविद्यालय में दाखिला लिया । पढाई में होशियार हर्षजी अपने छात्र जीवन में राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में बेस्ट डिबेटर चुने गए क्योंकि इन्होंने वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त किया । वर्ष 1985 से 1987 तक महाविद्यालय डिबेटिंग सोसायटी के महामंत्री चुने गए बाद में अध्यक्ष बना दिए गए । बी.ए., एल.एल.बी. हीरालालजी ने आजीविका हेतु 1986 से बीकानेर एवं राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में वकालत शुरु कर दी । कुशाग्र बुद्धि होने के कारण सभी के प्रिय हीरालालजी हर्ष शुरू से ही ओजस्वी वक्ता रहे हैं । साथियों के आग्रह पर आगे बढ़ते हुए राजनीति में कदम रखा और भारतीय राष्ट्रीय कोंग्रेस (आई) के सक्रिय सदस्य बनाए गए, फिर निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्य बन गए । लोकसभा चुनावों में मीडिया प्रकोष्ठ के सदस्य रहते हुए सम्भागीय प्रवक्ता बना दिए गए । आपकी कार्य शैली को देखते हुए सर्वसम्मति से युवक कोंग्रेस बीकानेर के ‘ए’ ब्लोक का अध्यक्ष (दिसम्बर 1984 से सितम्बर 1987) बना दिए गए | सितम्बर 1987 से सितम्बर 1989 तक जिला युवक कोंग्रेस के महामंत्री बना दिए गए | 28 फरवरी 1992 से दिसम्बर 1995 तक युवक कोंग्रेस आई के शहर जिला अध्यक्ष पद का बखूबी दायित्व निभाया । दबंग व्यक्तित्व के हर्षजी की कार्यकुशलता देखते हुए राजस्थान प्रदेश कोंग्रेस कमेटी द्वारा इन्हें पर्यवेक्षक का उत्तरदायित्व सौंपा गया ।सादुल शहर पालिका चुनाव में पर्यवेक्षक की महत्ती भूमिका अदा की ।मिलन सारिता और वाकपटुता में प्रवीण हर्षजी के लिए यह परीक्षा की घड़ी थी । हर्षजी घबराए नहीं और अपनी दिशा बोध से श्री गंगानगर नगर पालिका में कोंग्रेस का बोर्ड बनाने में सफल हुए । पंचायत चुनाव देहात जिला कोंग्रेस बीकानेर के श्री कोलायत ब्लोक में प्रभारी के रूप में कार्य किया । वर्ष 2002 से 2003 तक नगर विकास न्यास बीकानेर के मनोनीत सदस्य बनाए गए । वकालात के क्षेत्र में हर्षजी ने कई कीर्तिमान स्थापित किए ।विधि सलाकार के रूप में नगर विकास न्यास, सम्भागीय आयुक्त / अतिरिक्त सम्भागीय आयुक्त न्यायालय बीकानेर (2001-2002) मां कृपालय सत्संग भवन बीकानेर, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल, भैरव शिक्षा सदन को अपनी सेवाएं दी ।वर्त्तमान में अतिरिक्त अधिवक्ता, केंद्र सरकार के रूप में बीकानेर स्थित केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों में कानूनी सलाहकार हैं । हीरालालजी सामाजिक गतिविधियों में बढ-चढ़कर भाग लेने वाले व्यक्तित्व है ।राजस्थान मुक्तिनाथ समिति बीकानेर के आप अध्यक्ष हैं । गुरु भल्ला फाउन्डेशन रामदेवरा के व्यवस्थापक हैं । यह समिति बाबा रामदेव मेले में दर्शनार्थियों हेतु निशुल्क भोजन-पानी, ठहरने की व्यवस्था करती है । जंगल में आम दिनों हेतु पशु-पक्षियों के दाने-पानी की व्यवस्था करती है । आप राजस्थान पुस्टिकर यूथ विंग बीकानेर के संरक्षक है । अखिल भारतीय हर्ष विकास परिषद के संयोजक और युवा शक्ति राजस्थान के सह संयोजक हैं । रेड्क्रोस सोसायटी के सदस्य हैं । खेलकूद में रूचि रखने वाले हर्षजी परसुराम क्लब के अध्यक्ष, जिला कबड्डी संघ के पूर्व सचिव, शारीरिक शिक्षक संघ बीकानेर के संरक्षक हैं । जिला तीरंदाजी संघ में उपाध्यक्ष हैं । प्रो.रंगाज फिजिकल इन्स्टीट्यूट बीकानेर के संयुक्त सचिव हैं ।राष्ट्रीय योग संस्थान (योगा होस्टल) में आप उपाध्यक्ष हैं । कोरोना महामारी अभी गई नहीं है ।अपना स्वरूप बदल रही है। यूरोप में नया स्ट्रेन मिलने से सभी देश चिंतित हुए हैं । इस महामारी ने जहां आम जनजीवन, सामाजिक सम्बन्ध और आपसी विश्वास को धराशाही किया है वहीं अर्थव्यवस्था और विकासक्रम को भी अवरुद्ध किया है। लगभग हर देश के शासकों ने इस महामारी को अपनी अकर्मण्यता और लापरवाही छिपाने का माध्यम बना लिया । इस युग में हमारी मानवता के प्रति चिंता का यह सटीक उदाहरण है कि कोई मरे कोई जिए हमें लाभ होना चाहिए । इस महामारी से बड़ा इसका भय बना दिया गया है ।मानवीय शातिरता का यह अबतक का सबसे भयानक चेहरा सामने आया है। राजनीति अपनी जगह है और सामाजिकता अपनी जगह होती है। हर एक के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले, सभी से समान व्यवहार करने वाले हीरालालजी हर्ष सभी के चहेते हैं । मैं इन्हें युवा तुर्क नेता कहूं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए ।अभी तो कोरोनाकाल चल रहा है । लगभग दो वर्षों से ब्रह्म बगीचे में अति आवश्यक कार्य ही हुए हैं, नहीं तो ब्रह्म बगीचे में आए दिन साहित्यिक, सामाजिक और राजनैतिक कार्यक्रम होते रहते थे । बिना किसी जात-पांत के शुद्ध देशी भोजन का प्रसाद सभी ग्रहण करते । भवानी भाई के आप काफी चहेते थे । कोरोनाकाल में आप संकटग्रस्त हो गए थे ।आपकी नेकनियती, ईश्वर के प्रति अटूट आस्था ने आपको उबार लिया । आप स्वस्थ, व्यस्त एवं मस्त रहें । रामदेवरा मेले पर ओम एक्सप्रेस के प्रधान संपादक ओम दैया ने उनसे मुलाकात कर कुशल क्षेम पूछी और ओम एक्सप्रेस नवम वार्षिक उत्सव पर प्रकाशित अंक की कॉपी भेंट की। इस पर उन्होंने कहा ओम एक्सप्रेस का अथक प्रयास सराहनीय है। 11 राज्यों में प्रवासी मित्रों में शानदार पकड़ बनाई है।