पाकिस्तान का सिंध प्रांत आजकल हिंदू लड़कियों के अपहरण, धर्म परिवर्तन और जबरन शादी की वजह से खासा चर्चा में है।हिंदू लड़कियों को किस तरह जबरन धर्म परिवर्तन करा कर निकाह के लिए मजबूर किया जाता है इसका सबसे ताजा उदाहरण सामने आया है पाकिस्तान के सिंध प्रांत से। जहां गत रविवार को 24 वर्षीय हिंदू युवती का शादी के मंडप से अपहरण किया गया और उसके बाद उसका धर्म परिवर्तन करवा कर जबरन एक मुस्लिम व्यक्ति से निकाह करवाया गया। पाकिस्तान में कराची से लगभग 215 किलोमीटर दूर हाला शहर में एक हिंदू युवती भारती की शादी हिंदू युवक से होनी थी लेकिन कट्टरपंथियों ने विवाह स्थल पर पहले तो पत्थर बरसाये और उसके बाद शादी की रस्मों के बीच ही युवती का अपहरण कर लिया। गौर करने वाली बात यह है कि शाहरुख गुल नामक अपहरणकर्ता पुलिसकर्मियों के साथ विवाह स्थल पर आया था और युवती को उठा ले जाने में सफल रहा। भारती का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और उसका नाम बुशरा रख दिया गया और शाहरुख के साथ उसका जबरन निकाह पुलिस वालों की उपस्थिति में करवाया गया।भारती जैसे प्रताड़ित हो रही बेटियों और उसके जैसे असहाय माता-पिता को प्रताड़ना की जिंदगी से मुक्ति दिलाने के लिए ही भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने नागरिकता कानून में संशोधन किया ताकि दशकों से जुल्म सहते आ रहे लोगों की जिंदगी को खुशहाल किया जा सके लेकिन हमारे यहाँ कुछ ऐसे राजनीतिक दल हैं जोकि इस कानून का विरोध कर रहे हैं। हैरत होती है इस बात को देखकर कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के दिल में बिलकुल मानवता नाम की चीज ही नहीं बची है।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान का स्थानीय प्रशासन और वहां की सरकार इस तरह के मामलों में आरोपी युवकों की मदद करती है |अमेरिका की एक सिंधी फाउंडेशन की एक रिपोर्ट आंखें खोल देने वाली है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में हर साल 12 से 28 साल की उम्र की करीब 1000 सिंधी हिंदू लड़कियों को अगवा करने, उनका जबरन धर्म परिवर्तन करा कर निकाह कराने के मामले सामने आते हैं। चलिये यह तो अमेरिका की सिंधी फाउंडेशन की रिपोर्ट थी लेकिन जरा अब यह देख लीजिये कि पाकिस्तान का मानवाधिकार आयोग क्या कहता है। वैसे तो पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों पर अत्याचार के अधिकतर मामले दर्ज नहीं किये जाते लेकिन जो दर्ज किये जाते हैं उनके आधार पर पाकिस्तान के मानव अधिकार आयोग का कहना है कि जनवरी 2004 से मई 2018 के बीच सिंधी लड़कियों को अगवा करने और उनसे जबरन निकाह के लगभग साढ़े सात हजार मामले सामने आये। क्या अब भी सीएए विरोधी आंखें बंद किये रहेंगे। सिर्फ चुनावी राजनीति से सबकुछ मत जोड़िये, मानवता का दिखावा कर मानव अधिकारों को कुचले जाने की घटनाओं से आंखें फेर लेना क्रूरता है।जरा पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का हाल जानने की कोशिश करके देखिये वह लोग वहां डर के साये में जी रहे हैं क्योंकि उनकी मां-बहनें सुरक्षित नहीं हैं, संपत्ति सुरक्षित नहीं है। कभी भी अल्पसंख्यकों से मारपीट या मंदिरों में तोड़फोड़ पाकिस्तान में आम बात है।

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