— अपनों ने फेंका,गैरों ने अपनाया।प्रशांत कुमार,सुपौल(बिहार)एक कलियुगी मां ने जन्म देने के बाद बेटी को झाड़ी में फेंक दिया।प्रधानमंत्री एक ओर जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रहे हैं।वहीं इस कलयुगी मां ने अपनी ममता को दर किनार कर मानवता को शर्मसार करते हुए अपने नवजात बच्ची को कपड़े में लपेटकर झाड़ी में फेंक दिया।इससे पूर्व भी इसी स्थान पर कार्टून में दो अन्य नवजात मृत अवस्था में फेंका हुआ पाया गया था जिसे स्थानीय पुलिस द्वारा उठाकर बघला धार के समीप हीं दफना कर मामले को रफादफा कर दिया गया।आम लोगों के बीच इस बात की चर्चा बनी हुई है कि अगर उस समय स्थानीय पुलिस कोई कार्यवाही करती तो शायद हीं कोई कलयुगी मां आज इस तरह की मानवता को तार तार करने की घटना को अंजाम नहीं देती।निःसन्तान एक मजदूर दम्पति ने दरियादिली दिखाते हुए झाड़ी में फेंके इस बच्ची को गोद ले लिया हैं।ये मामला सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र का है जहां शनिवार देर बघला नदी के किनारे झाड़ी में कपड़े में लपेटकर फेंके एक रोते बिलखते बच्ची पर राहगीरों की नज़र पड़ी तो आसपास कोतुहल का विषय बन गया।राहगीरों की भीड़ में एक 22 वर्षीय मजदूर साहिनूर की नज़र उस बच्ची पड़ पड़ी तो साहिनूर ने उस बच्ची को उठा कर अपने घर ले आया हैं।मामले की जानकारी मिलते पुलिस नवजात को चाइल्ड लाइन सुपौल को सौंप दिया हैं।निःसन्तान साहिनूर ईंट भट्ठा मीरा ब्रिक्स त्रिवेणीगंज में बीते छह माह से मजदूर का काम करता है यहां वह अपने परिवार के साथ ईंट भट्ठे में बने झोपड़ी नुमा घर में रहता है।साहिनूर निःसंतान है साहिनूर बताते हैं कि यह बच्ची कपड़ा में लपेटी हुई झाड़ी में फेंकी हुई थी।हमने जब इसे उठाया तो इसके शरीर पर नमक लगा हुआ था औऱ इसे नमक भी खिलाया गया है जिसे साहिनूर ने साफ किया और किसी डॉक्टर से दिखाया।जिसके बाद साहिनूर बाज़ार से दूध ला कर बच्ची को पिलाया हैं ।