बीकानेर । शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान के तत्वावधान में कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार के काव्य संग्रह “तीसरी आंख का सच” का लोकार्पण महाराज नरेन्द्र सिंह ओडिटोरियम में किया गया ।कार्यक्रम में स्वर्णकार की रचनाओं पर चर्चा एवं सम्मान किया गया ।

कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास विनोद ने कहा कि पुस्तक की रचनाओं में कल्याणकारी भाव है जो 9 रसों से ओतप्रोत है । उन्होंने कहा कि पुस्तक में काव्य के विविध रूपों में माधुर्य, सौंदर्य, गंभीरता है । वरिष्ठ रंगकर्मी साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी ने कहा कि यह कोमल मन की साफगोई में रची निर्मल रचनाओं की पुस्तक है । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि ” तीसरी आँख का सच अनेक विषयों को समझने वाला है उन्होंने कहा कि संग्रह की कविताओं में लय और राग का मिश्रण है, प्रेम, चिन्तन मनन से उपजी रचनाओं में नारी विमर्श, दार्शनिक एवम आध्यात्मिक अभिव्यक्ति के अतिरिक्त कवि के अनुभव की स्मृतियों की कविताएं जीवन से जुड़ी रचनाएं है ।

उन्होने कहा कि एक ही संग्रह में कविता, गजल,गीत,दोहे, सोरठे, रूबाई, कुण्डलियां, मुक्तक,हाइकू और सॉनेट जैसी विधाएं है । विशिष्ट अतिथि शंकर लाल कट्टा ने भी अपने विचार रखे । लोकार्पण समारोह में डॉ0 कृष्णा आचार्य पुस्तक पर पत्रवाचन किया । कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार के व्यक्तित्व कृतित्व पर कवि बाबूलाल छंगाणी ने पत्रवाचन किया । संगीतज्ञ ज्ञानेश्वर सोनी के निर्देशन में गौरी शंकर सोनी ने वंदना एवं पुस्तक के गीत सस्वर प्रस्तुत किये । स्वागत उद्बोधन डॉ.अजय जोशी ने किया । लेखक अशफ़ाक़ क़ादरी ने स्वर्णकार के रचनाकर्म की विशिष्टता पर प्रकाश डाला ।