उदयपुर / बीकानेर । बीकानेर के जाने-माने मंचीय कवि कैलाश टाक का हिंदी काव्यसंग्रह कविता एक अहसास का लोकार्पण राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर में किया गया।
लोकार्पण समारोह में अकादमी सचिव डॉ.बसंतसिंह सोलंकी ने अपने उद्बोधन में कहा कि संग्रह की कविताएं प्रेरणास्पद है। युवाओं में कार्य के प्रति निष्ठाभाव जाग्रत करते हुए उनमें जोश भरने का काम करती हैं। कवि कैलाश टाक ने इस संग्रह में से ‘तेज तप ताप था, खंड-खंड में अखंड प्रताप था। आन बान शान था शूरवीर महान था और पिता बराबर नर नहीं,मन बराबर नारी। मात-पिता ही जीवन है,बाकी दुनियादारी सुनाई। कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने बताया कि यह कविता संग्रह कलासन प्रकाशन द्वारा मुद्रित एवं साहित्य अकादमी उदयपुर के आंशिक सहयोग से प्रकाशित हुआ है। लोकार्पण समारोह में श्रीमती निर्मला भाटी, रामदयाल मेहरा, जयप्रकाश भटनागर, दिनेश अरोड़ा, गोविंदसिंह सांखला, यशदीप सिंह, राजेश मेहता प्रकाश नेबनानी और नरेंद्र शर्मा ने भी अपने विचार रखे। सौरभ टाक ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया।