बीकानेर,।युवा कवि व्यास योगेश ‘राजस्थानी’ की सद्य प्रकाशित कृति ‘थोड़ी कविता थोड़ा प्रेम पूरी राधा’ का लोकार्पण समारोह रविवार को धरणीधर रंगमंच पर हुआ।
कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ रंगकर्मी, पत्रकार व साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने इस अवसर पर कहा कि लोकार्पित कृति की कविताएं प्रेम से अधिक दर्शन की कविताएं हैं। वैसे भी प्रेम प्रदर्शन नहीं दर्शन का विषय है, योगेश की इन कविताओं में दार्शनिक व्यंजनाएं सूक्ष्म दृष्टि की मांग करती है। आचार्य ने कहा कि कविता का वास्तविक सौंदर्य प्रतीकों में छिपा होता है। उन्होंने कहा कि इस कृति में राधा से जुड़ा सिर्फ प्रेम का तत्त्व ही नहीं पीड़ा, संत्रास, त्रासदी भी है, जिस पर योगेश ने कलम चलाई है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि-विचारक राजेश विद्रोही ने कहा कि मुरलीधर व्यास ‘राजस्थानी’ की चौथी पीढ़ी में योगेश व्यास ‘राजस्थानी’ साहित्य-सृजन की विरासत का संवद्र्धन करते हुए नई कविता के माध्यम को अपनाया है। योगेश की रचनाएं इस बात की आश्वस्ति देती कि छंद-मुक्त कविताओं में भी धार होती है। उन्होंने कहा कि यह कृति कवि की संवेदना का दस्तावेज है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि कवयित्री-कहानीकार सीमा भाटी ने कहा कि कृति में जीवन-मूल्यों की बात हुई है, जो कवि के संस्कारों का परिचायक है। योगेश ने साथ, चाहत, शिकायत, कल्पना जैसे विषयों पर नयेपन के साथ कविताएं रची गई हैं।
लोकार्पित कृति पर पत्र-वाचन करते हुए युवा कवि आशीष पुरोहित ने कहा कि यह कविता संग्रह के शीर्षक से भले ही किसी को असफल प्रेम दिखे, लेकिन यकीनी तौर पर इसमें आज का दर्शन है। यह कृति एक युवा की परिपक्व कविताओं का संकलन है।
प्रारंभ में साहित्यकार-पत्रकार हरीश बी.शर्मा ने स्वागत वक्तव्य देते हुए शहर की समृद्ध परंपरा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि योगेश बीकानेर का सबसे कम उम्र का कवि है, जिसकी कविताओं की किताब लोकार्पित होने से पहले प्री-बुकिंग में ही तीन सौ से अधिक विक्रय हो चुकी है। आभार युवा कवि आनंद पुरोहित ‘मस्ताना’ने स्वीकार किया। संचालन कवयित्री-कहानीकार ऋतु शर्मा ने किया। इस अवसर पर मधु आचार्य ‘आशावादी’ और व्यास योगेश ‘राजस्थानी ‘का शहर के गणमान्य लोगों द्वारा अभिनंदन किया गया।
लोकार्पण समारोह के शिवकुमार व्यास, श्रीनाथ व्यास, कमल अनुरागी, जाकिर अदीब, राजेंद्र जोशी, हीरालाल हर्ष, नवनीत गोपाल पुरोहित, संजय पुरोहित, अमित गोस्वामी, रामसहाय हर्ष, इरशाद अजीज, सुनीलम, इसरार हसन कादरी, मोहम्मद फारुक, नदीम अहमद नदीम, मनोज रतन व्यास, प्रो.प्रकाश आचार्य, प्रो.नरेंद्र कुमार, बुनियाद हुसैन जहीन, मनीष जोशी, आशीष रंगा, गोपाल व्यास ‘कुंठित’ प्रो.टी.के.जैन, शशांकशेखर जोशी, आत्माराम भाटी, उम्मेद सिंह, अख्तर चूड़ीगर, मनोज मोदी, पार्षद अरविंद किशोर, सुधा आचार्य सहित अनेक साक्षी बने।