नई दिल्ली,(दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस डॉक्यूमेंट में भी सड़क से जाने का प्लान नही था। आदेश के कॉपी के अनुसार उनका सड़क से जाने का प्लान नही था कही उनकी हत्या का प्रयास तो नहीं था. देश में सिर्फ प्रधानमंत्री को मिली है SPG सिक्योरिटी…
जेड प्लस से है कितनी अलग और कैसे करती है काम?

बता दें कि देश के गणमान्य लोगों को सरकार की ओर से सुरक्षा प्रदान की जाती है, जिसमें कई स्तर की सुरक्षा शामिल है. सुरक्षा के इन स्तरों में सबसे ऊपर एसपीजी सिक्योरिटी होती है, जो सिर्फ प्रधानमंत्री को मिलती है और इसमें कई जवान पीएम की सुरक्षा करते हैं. इसके बाद नंबर आता है जेड प्लस सिक्योरिटी का, जिसमें किसी भी व्यक्ति की सुरक्षा के लिए 55 जवान तैनात रहते हैं. वहीं, जेड सिक्योरिटी में 22, वाई सिक्योरिटी में 11 और एक्स में 2 सिक्योरिटी पर्सन तैनात किए जाते हैं. ये सुरक्षा जेड प्लस और सीआरपीएफ सिक्योरिटी से भी काफी अलग होती है, जो देश के प्रधानमंत्री को दी जाती है. ऐसे में जानते हैं कि एसपीजी सिक्योरिटी में क्या खास होता है और यह आम सुरक्षा से किस तरह अलग होती है.

किसे मिलती है एसपीजी सुरक्षा? वैसे तो एसपीजी सुरक्षा देश के प्रधानमंत्री, देश के पूर्व प्रधानमंत्री और इनके परिवारों वालों को मिलती है. हालांकि, हाल ही में कई कांग्रेस नेताओं से यह सुरक्षा वापस ले ली गई है, जिसके बाद प्रधानमंत्री ही ऐसे शख्स बचे हैं, जिन्हें एसपीजी सुरक्षा दी गई है. बता दें कि फरवरी 2020 में संसद में पूछे गए एक सवाल में तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया था कि वर्तमान में सिर्फ एक शख्स को एसपीजी सुरक्षा मिली हुई है. हालांकि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रेड्डी ने किसी का नाम नहीं लिया था.।

क्या होती है एसपीजी सुरक्षा…? बता दें कि देश की सुरक्षा एजेंसी एनएसजी, आईटीबीपी और सीआरपीएफ की तरह एसपीजी भी एक सुरक्षा एजेंसी है. इसका काम देश के अहम पदों पर बैठे गणमान्य व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करना है. जैसे अभी एसपीजी के पास प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा है. अभी एसपीजी में करीब 3000 जवान हैं. इन्हें विशेष तरह से ट्रेनिंग दी जाती है और हथियारों के मामले में भी इनके पास एडवांस हथियार होते है और ये पीएम सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं.
कैसे हुआ एसपीजी गठन..? बता दें कि साल 1981 से पहले भारत के प्रधानमंत्री के आवास की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस पुलिस उपायुक्त की होती थी. इसके बाद सुरक्षा के लिए एसटीएफ का गठन किया गया. हालांकि, 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक कमेटी बनी और 1985 में एक खास यूनिटा का निर्माण किया गया, जिसे नाम दिया गया स्पेशळ प्रोटेक्शन यूनिट. इस यूनिट को पीएम सुरक्षा की जिम्मेदारी मिली. अब ये यूनिट ही देश के कई लोगों को विशेष सुरक्षा देती है।
एसपीजी सिक्योरिटी क्यों है खास…? एसपीजी सिक्योरिटी की बात करें तो एसपीजी कमांडो को फिजिकल, निशानेबाजी, वॉर, प्रोक्सिमेट प्रोटेक्शन (निकट सुरक्षा रणनीति) को लेकर खास ट्रेनिंग दी जाती है. पीएम सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों बिजनेस सूट, खास तरीके के चश्मे, कम्यूनिकेशन ईयरपीस पहने रहते हैं. इसके अलावा कमांडो को खास गन दी जाती है, जो काफी अल्ट्रा मॉडर्न गन होती है और वो विशेष तौर से तैयार होकर रहते हैं. कमांडो अपनी सेफ्टी के लिए एक लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेट भी पहनते हैं और साथी कमांडो से बात करने के लिए कान में लगे ईयर प्लग या फिर वॉकी-टॉकी का सहारा लेते हैं. अगर पीएम कहीं जा रहे हैं तो वहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी एसपीजी के पास होते हैं. उस वक्त वे लोकल पुलिस की मदद से पीएम की सुरक्षा करते हैं. इस दौरान वो पहले रूट, कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा की जानकारी लेते हैं और पूरी तरह से व्यवस्था देखने के बाद पीएम वहां पहुंचते हैं.