– सहकारी संस्थाओं में 1,000 पदों पर भी भर्ती जल्द शुरू होगी
जयपुर। प्रदेश में कोविड का प्रकोप है और आर्थिक स्थिति खराब है, इसके बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के किसानों को एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रेरित करने का फैसला किया है. इसके लिए जिला स्तर पर अभियान चलाया जाएगा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री ने किसानों को रबी फसल के बीमा क्लेम के शीघ्र भुगतान के लिए 250 करोड़ रूपए प्रीमियम कृषक कल्याण कोष से स्वीकृत करने का फैसला किया है. सीएम गहलोत ने मंगलवार को अपने आवास पर कृषि, सहकारिता एवं अन्य विभागों की समीक्षा बैठक करके कई अहम फैसले किए।

प्रदेश के खराब आर्थिक हालातों के बीच राज्य सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने का अभियान चलाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियो को निर्देश दिए हैं कि इस योजना के तहत बैंक से ऋण दिलाने में किसानों की सहायता की जाए. यूनिट लगाने पर किसानों को एक करोड़ रूपये तक ऋण मिल सकता है जिस पर राज्य सरकार द्वारा 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है. इस योजना से न केवल किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी बल्कि फसल उत्पादों में वैल्यू एडिशन होने से उनकी कीमत भी बढ़ेगी और स्थानीय स्तर पर कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. मुख्यमंत्री आवास पर हुई अहम बैठक में कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव, सहकारिता राज्यमंत्री टीकाराम जूली वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े थे. वहीं मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, एसीएस वित्त निरंजन आर्य, राजस्थान राज्य भण्डारण निगम के सीएमडी पीके गोयल, रजिस्ट्रार सहकारिता मुक्तानन्द अग्रवाल, प्रबंध निदेशक राजफैड सुषमा अरोड़ा, निदेशक कृषि विपणन बोर्ड ताराचन्द मीणा मुख्यमंत्री आवास पर मौजूद थे

– एक नजर डालते है कि बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए अहम फैसलों पर…

– किसानों के लिए मुख्यमंत्री ने किए बड़े फैसले
– बीमा प्रीमियम भुगतान के लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी
– कृषक कल्याण कोष से 250 करोड़ रूपए मंजूर किए गहलोत ने
– प्रदेश के 2.50 लाख किसानों को मिलेगा इसका फायदा
– 750 करोड़ रूपए के बीमा क्लेम का जल्द भुगतान होगा
– विभिन्न जिलों में 3,723 डिग्गियों के निर्माण को लेकर भी हुआ फैसला
– कृषक कल्याण कोष से 95.87 करोड़ रूपए के भुगतान आदेश
– मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी का गठन
– कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड का लाभ किसानों को दिलाने के लिए बनी कमेटी
– राजस्थान में इस फण्ड से 9 हजार करोड़ आवंटन का लक्ष्य रखा गया
– मण्डी में किसानों की सार्वजनिक सुविधाओं के लिए भूखण्डों का आवंटन होगा
– पशुपालकों को पशुधन के आधार पर अधिकाधिक केसीसी जारी किए जाएंगे
– जमीन व पशुधन वाले किसानों के लिए केसीसी की सीमा 3 लाख तक होगी
– 1,000 सहकारी समितियों को इसी वर्ष निजी गौण मण्डी का दर्जा दिया जाएगा
– दूर के गांवों में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद हो सकेगी

इस बैठक में मुख्यमंत्री ने मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के द्वारा आम जनता को निवेश के नाम पर धोखा देकर उनकी गाढ़ी मेहनत की कमाई लूटने पर चिंता जताई. सीएम ने अधिकारियों को ऎसा मैकेनिज्म तैयार करने के निर्देश दिए कि भविष्य में प्रदेश में ऎसी कोई भी को-ऑपेरटिव सोसायटी गरीब जनता को झांसे में नहीं ले सके. साथ ही गहलोत ने विभिन्न सहकारी संस्थाओं में 1,000 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को जल्द शुरू करने के आदेश दिए. इसके लिए अगले तीन महीनों में विभाग के सेवा एवं भर्ती नियमों में संशोधन भी कर लिया जाएगा. बैठक में मौजूद कृषि एवं सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा ने बताया कि सहकारिता विभाग द्वारा वर्ष 2019-2020 में 21.86 लाख कृषकों को 9541 करोड़ रूपये का अल्पकालीन सहकारी फसली ऋण वितरित किया है. वर्ष 2020-21 में खरीफ सीजन के लिए 23.91 लाख किसानों को 7343.71 करोड़ रूपये का ऋण वितरित किया गया है, इसमें 2.25 लाख नए कृषकों को 393.80 करोड़ रूपये का ऋण बांटा गया।

बैठक में यह भी तय किया गया कि सभी सहकारी भण्डारों के मेडिकल विक्रय केन्द्र ऑनलाइन होंगे जिससे प्रदेश के 4.15 लाख पेंशनरों को सहुलियत मिलेगी. प्रदेश में टिड्डियों के संकट पर भी विचार विमर्श किया गया. अब तक प्रदेश में 5 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण के लिए दवा छिड़काव किया गया. इस वर्ष प्रदेश के 33 में से 32 जिलों में टिड्डियों का प्रकोप रहा. आने वाले दिनों में टिड्डियों के नए दलों के आक्रमण की आंशका है. सोमवार की बैठक को विधानसभा सत्र से जोड़कर भी देखा जा रहा है. दरअसल, 21 अगस्त से फिर से सदन की कार्यवाही शुरू होनी है, जिसमें किसानों से जुड़े कई मुद्दे उठ सकते हैं, लेकिन इससे पहले ही मुख्यमंत्री ने तमाम मुद्दों पर चर्चा करके विपक्ष के हमलों के जवाब तैयार कर लिए है और साथ ही किसानों की विभिन्न मांगों को स्वीकार कर लिया है