– किसान यूनियन के पंजाब के अध्यक्ष जगजीत सिंह का कहना है सरकार जब तक हमारी मांगें नहीं मानती, काले कानून वापस नहीं लेती, एमएसपी को लेकर चीजें साफ नहीं करती तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा
नई दिल्ली।सिंघु बॉर्डर पर डटे हैं प्रदर्शनकारी किसान
निरंकारी ग्राउंड में जाने से इनकार कर रहे किसान
हरियाणा के रास्ते दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की इजाजत तो मिल गई, लेकिन वे अब भी सिंघु बॉर्डर पर डटे हैं.किसानों का आंदोलन सिंघु बॉर्डर पर जारी रहेगा या वे बुराड़ी जाएंगे, इसका फैसला कुछ देर बाद हो जाएगा.
दरअसल, सुबह 8 बजे किसान नेताओं की बैठक है, जिसमें ये तय होगा कि आंदोलन को कैसे आगे बढ़ाना है. किसान यूनियन के पंजाब के अध्यक्ष जगजीत सिंह का कहना है सरकार जब तक हमारी मांगें नहीं मानती, काले कानून वापस नहीं लेती, एमएसपी को लेकर चीजें साफ नहीं करती तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार अगर बात करना चाहती है तो हम सरकार से बात करने को तैयार हैं, लेकिन जो डेथ वारंट किसान का लिखा गया है उसको वापस करना पड़ेगा.
जहां तक आंदोलन की बात है वो सुबह 8 बजे की बैठक में तय होगा कि आगे की रूपरेखा क्या रहेगी. जगजीत सिंह ने कहा कि आंदोलन तो जरूर होगा, लेकिन वह बुराड़ी के मैदान में होगा या सिंघु बॉर्डर पर, यह फैसला बैठक के बाद किया जाएगा.
इससे पहले पंजाब से दिल्ली कूच कर रहे किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत दे दी गई. किसानों को दिल्ली के बुराड़ी स्थिति निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई. हालांकि, किसान इस दौरान दिल्ली के किसी ओर इलाके में नहीं जा सकेंगे. साथ ही इस दौरान पुलिस किसानों के साथ ही रहेगी.
*किसानों का सिंघु बॉर्डर पर हल्ला बोल*
इससे पहले शुक्रवार सुबह पानीपत से चले किसानों ने दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर हल्ला बोल दिया. पुलिस ने यहां तीन लेयर का सुरक्षा घेरा बना रखा था, लेकिन किसान हर घेरा तोड़ने पर आमादा थे. उधर, टीकरी बॉर्डर पर भी किसान और पुलिस आमने-सामने आ गए थे. दोनों जगह आंसू गैस के गोले छोड़े गए. लेकिन किसानों का इरादा कमजोर नहीं हुआ.
पंजाब से दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों के रेले को सिंघु बॉर्डर पर पुलिस फोर्स ने रोक लिया. किसानों को रोकने के लिए यहां कांटों की बाड़ लगाई गई थी. सड़क पर पत्थरों के गार्डर लगाए गए थे. इसके अलावा पूरी सड़क पर बैरिकेडिंग भी लगाई गई थी. किसानों को रोकने के लिए तीन लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया गया था, लेकिन किसान पुलिस का हर चक्रव्यूह तोड़ते हुए तीसरे घेरे तक पहुंच गए.
किसान पुलिस और सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी करते रहे. किसान दिल्ली में घुसने पर आमादा थे, लेकिन पुलिस भी पूरी तैयारी के साथ थी. पुलिस किसानों की समझाने में लगी थी. किसान प्रतिनिधि दिल्ली में घुसने की इजाजत से कम पर राजी नहीं थे. पुलिस वाले किसानों को समझाते रहे कि दिल्ली में कोरोना संकट है, आप लोगों के इस तरह दिल्ली में घुसने से हालात और भी खराब हो सकते हैं. दिल्ली में किसानों के घुसने का एक मोर्चा सिंघु बॉर्डर पर खुला था तो दूसरा बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर.
पुलिस ने मुख्य सड़क को पूरी तरह पत्थर के गॉर्डर से पैक कर दिया था. किसान दिल्ली की तरफ बढ़े तो पुलिस ने पानी की बौछार कर दी. उसके बाद आंसू गैस के गोले छोड़े.
आखिरकार दोपहर होते किसानों के आगे प्रशासन को झुकना पड़ा. किसानों को दोपहर में दिल्ली में आने की इजाजत मिली. बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में किसानों को जाने की अनुमति मिली.
किसानों के समर्थन में हरभजन, कहा- बिना भिड़ंत के हम अन्नदाता की नही सुन सकते क्या।