– न जांच में सहयोग किया, न दस्तावेज दिए, बचने के लिए खुद हुई क्वारंटीन-डीईओ
वैशाली सैनी
रोहतक, 5 मई। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सांपला की महिला प्राचार्य की सब्जी मंडी में ड्यूटी लगाने व चार शिक्षकों का वेतन काटने को लेकर स्कूल की राजनीति सामने आई है। विवाद बढ़ने पर तहसीलदार राकेश कुमार, डीईओ परमेश्वरी हुड्डा व बीईओ सुमन हुड्डा की टीम सोमवार को जांच करने पहुंची। यहां प्राचार्य ने अपनी तबीयत ठीक नहीं होने के चलते जांच में शामिल होने से इनकार कर दिया।
जांच टीम ने प्राचार्य के इस व्यवहार व चारों शिक्षकों के बयान लेकर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। इधर, प्राचार्य ने वेतन काटे जाने के बजाए बगैर नियम व मर्जी से ड्यूटी करने पर वेतन रोकने की बात कही है। प्राचार्य ने खुद को सही ठहराते हुए अस्थमा से पीड़ित होने की स्थिति में भी सांपला सब्जी मंडी में जान बूझकर ड्यूटी लगाए जाने का आरोप लगाया है।

सोमवार को डीईओ तहसीलदार व बीईओ के साथ सांपला स्कूल पहुंची। यहां प्राचार्य संतोष कुमारी पर चार शिक्षकों के वेतन काटे जाने के मामले में जांच शुरू की। इस दौरान प्राचार्य ने अपनी तबियत खराब बताते हुए जांच में शामिल होने से इनकार कर दिया। जांच टीम ने स्कूल के चार शिक्षकों से बातचीत कर उनके बयान दर्ज किए। इसमें डीपीई सतबीर सैनी, इतिहास की शिक्षिका कृष्णा, केमिस्ट्री शिक्षिका आशा व कामर्स शिक्षक दलबीर शामिल हैं।
प्राचार्य पर डीपीई का 18 दिन, इतिहास शिक्षिका का 12 दिन, केमिस्ट्री शिक्षिका का सात व कामर्स शिक्षक का एक दिन का वेतन काटे जाने का आरोप है। इन शिक्षकों ने जांच टीम को नियमानुसार दूसरी जगह ड्यूटी पर जाने की जानकारी दी है। इसमें कोई खेल तो कोई उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन व छुट्टी पर गया था।
प्राचार्य की सब्जी मंडी में दो बार लगी ड्यूटी
जांच टीम का कहना है कि प्राचार्य संतोष कुमारी की सब्जी मंडी में दो बार ड्यूटी लगी। दोनों ही बार वह ड्यूटी पर नहीं पहुंची। एक बार तो प्राचार्य ने निजी अस्पताल का कार्ड भेज दिया। दूसरा कार्ड पीजीआई से बना है। दोनों में भी शिक्षिका के क्वारंटीन होने सरीखा कुछ नहीं लिखा है। ड्यूटी पर न जाने व मामले की जांच से बचने के लिए शिक्षिका ने खुद को क्वारंटीन कर लिया। यही नहीं, घर की दीवार पर स्वास्थ्य विभाग का क्वारंटीन पोस्टर भी लगा लिया।

वेतन रोका गया है, काटा नहीं गया-प्राचार्या
प्राचार्या सन्तोष कुमारी ने कहा कि कोई बगैर रूल काम कैसे कर सकता है। जिन चार शिक्षकों का वेतन काटने की बात कही जा रही है, उनका वेतन रोका गया है। वे हेड की सुनने के बजाय अपनी मर्जी से दूसरी ड्यूटी पर चले जाते हैं। कोई बगैर मंजूरी यात्रा कर रहा है तो कोई झूठा एचआरए मांगता है। मैंने देने से इनकार कर दिया तो विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस बारे में उच्चाधिकारियों को भी लिखा गया है। स्टाफ मुझे परेशान कर रहा है। अधिकारी ह्रासमेंट कर रहे हैं। सोमवार को जांच टीम आई थी। मेरी तबीयत खराब थी। इसलिए मैं जांच में शामिल नहीं हो पाई, मुझे अस्थमा है। दीवार पर क्वारंटीन का पोस्टर मैंने नहीं लगाया है। वह स्वास्थ्य विभाग का है। उन्होंने ही लगाया है। मेरी जांच हुई है। अस्पताल में भर्ती नहीं होने के कारण रिपोर्ट मेरे पास नहीं आई है। मामले की जांच चल रही है, अधिकारियों का फैसला मान्य होगा।
4 शिक्षकों का वेतन काटना गलत है-डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी परमेश्वरी हुड्डा ने बताया कि प्राचार्य संतोष कुमारी ने 4 शिक्षकों का वेतन काटा है, जबकि यह गलत है। इससे पहले न तो कोई नोटिस जारी किया गया, न ही किसी तरह की सूचना दी गई। जांच के लिए पहुंची टीम को प्राचार्य ने सहयोग नहीं किया। त।
डीईओ ने कहा कि तबीयत खराब होने की बात कह कर प्राचार्या चली गई। खुद को मानसिक रूप से ठीक नहीं बताया है। मेडिकल व निजी अस्पताल के दो कार्ड बनाए हैं। इनमें कोरोना या संभावित जैसा कुछ नहीं लिखा है। उन्होंने बताया कि जांच टीम को किसी तरह का रिकॉर्ड भी नहीं दिया है। सब्जी मंडी में लगी ड्यूटी पर भी नहीं पहुंची। चारों शिक्षकों के बयान ले लिए हैं। यह रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है। फैसला लेने का अधिकार उन्हीं के पास है।

You missed