

-डीआईजी परम ज्योति फोर्टी विमन विंग की मेंबर्स से हुईं रूबरू
-अगली पीढ़ी के लिए बैरियर्स कम करना हमारी जिम्मेदारी
जयपुर। लाइफ में कुछ भी अचीव करने के लिए सबसे जरूरी है खुद पर विश्वास और हार्डवर्क। कंडीशन चाहे कुछ भी हो अगर आपमें कुछ कर दिखाने का जज्बा है, तो आपको शिखर तक पहुंचने से कोई भी नहीं रोक सकता है। फोर्टी विमन विंग की ओर से रविवार को आयोजित ऑनलाइन सेशन में डीआईजी परम ज्योति ने प्रेसिडेंट नेहा गुप्ता के साथ अपनी सक्सेस जर्नी शेयर करते हुए कहा कि मुझे भी यूपीएससी एग्जाम के चौथे और लास्ट अटैम्प्ट में सफलता मिली। अगर शुरू के तीन अटैम्प्ट तक ही मैं निराश होकर बैठ जाती तो आज आईपीएस नहीं होती। उन्होंने कहा कि अक्सर लोग सक्सेस या किसी बड़े लक्ष्य को ही जिंदगी से ऊपर समझने की भूल कर लेते हैं, जबकि ये लाइफ से बड़े नहीं है, बस लाइफ के छोटे-छोटे हिस्से हैं। मेंबर्स को मोटिवेट करते हुए उन्होंने कहा कि सक्सेस की परिभाषा या पैरामीटर्स वो नहीं है, जो सोसायटी आपके लिए तय करती है, बल्कि वो है जिसे आप खुद अपने लिए तय करती हैं। मैंने अपनी लाइफ में फैलियर से काफी सीखा। मेरा मानना है कि आपकी असफलता ही एक दिन आपको सक्सेसफुल बनाती है, बशर्ते आप उन असफलताओं से सीखना बंद नहीं कर देते। उन्होंने कहा कि किसी की होड़ में अपना गोल तय नहीं करें, जो आपका पोटेंशियल है, उसके आधार पर ही अपना लक्ष्य निर्धारित करें। कोई भी काम या जॉब छोटा नहीं होता है, भगवान ने हर इंसान को एक स्पेशल काम के लिए बनाया है। सेशन को प्रेसिडेंट नेहा गुप्ता और सेक्रेटरी ललिता कुच्छल ने मॉडरेट किया।


-विमन एंटरप्रेन्योर्स को बताया अचीवर्स
परम ने मेंबर्स से इंटरेक्शन करते हुए कहा कि लोग मेरे प्रोफेशन और मुझे आइडल मानते हैं, लेकिन मेरी नजर में आप सब एंटरप्रेन्योर्स अचीवर्स हैं। आप जॉब्स जनरेट करती हंै, जिससे लोगों का घर चलता है, साथ ही देश के विकास में भागीदारी सुश्चित करती हैं। उन्होंने मेंबर्स से अपील करते हुए कहा कि आज हम यहां इसलिए हैं, क्योंकि हमारी पिछली पीढ़ी ने कुछ बैरियर हम पर से हटाए या कम किए। तो अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम भी अपनी अगली पीढ़ी के लिए बैरियर्स में कमी करें और उनके लिए एक हैल्दी एन्वायर्नमेंट तैयार करें।


-औरत होना किसी वरदान से कम नहीं
आईपीएस को प्रोफेशन के रूप में चुनने की कहानी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब में आतंकवाद और ब्लू स्टार ऑपरेशन के वक्त मेरी अपब्रिंङ्क्षगग हुई है। मैंने करीब से देखा है कि टेरेरिज्म को खत्म करने में पुलिस का बड़ा रोल रहा है। तब से इस प्रोफेशन के लिए इज्जत और लगाव रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रोफेशन के साथ पर्सनल लाइफ बैलेंस करना काफी मुश्किल होता है। यहां वर्क फ्रॉम होम या फ्लेक्सी टाइम नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि औरत होना किसी वरदान से कम नहीं है। भगवान ने हमें ढेर सारे रोल निभाने का अवसर दिया है।


-बच्चों को सही-गलत का अंतर समझाने की जरूरत
मेंबर्स को पैरेंटिंग के टिप्स देते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं के अगेंस्ट क्राइम में सबसे ज्यादा १६ से ३० साल तक के मेल इन्वॉल्व रहते हैं। हमें अपने बच्चों को सही-गलत का अंतर सिखाना होगा। एक हैल्दी सोसायटी के निर्माण की जिम्मेदारी हम पर पुरुषों से ज्यादा है। सेशन में संगीता अग्रवाल, अदिती खंडेलवाल और नीलम मित्तल सहित बड़ी संख्या में मेंबर्स ने हिस्सा लिया।
