बीकानेर, । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से 30 जनवरी को जिले में ‘कुष्ठ रोग उन्मूलन दिवस’ मनाया जाएगा। इस दौरान जिले में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर आमजन को जागरूक किया जाएगा। इस बार कुष्ठ के विरूद्ध, आखिरी युद्ध की थीम पर कार्यक्रम आयोजित होंगे। सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप ने विस्तार से जानकारी देते हुए आमजन से अपील की है कि इस बारे में पूरी जागरुकता बरतें और कुष्ठ रोग की जांच कराएं, कुष्ठ रोगियों की हर प्रकार से सहायता करें। कुष्ठ रोग एक मामूली बीमारी है, जो एक जीवाणु (लेप्रा बेसिली) से होता है, यह कोई छुआछूत का या आनुवंशिक रोग नहीं है। इसकी जांच एवं ईलाज सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त में उपलब्ध है। कुष्ठ रोग की शुरूआत में पहचान एवं जांच करवाते हुए पूर्ण इलाज लिया जाए तो कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक हो जाता है एवं शारीरिक विकलांगता से बचा जा सकता है। इसका इलाज कुछ मामलों में छह माह एवं कुछ मामलों में 12 माह का हो सकता है। उन्होंने बताया कि चमड़ी पर चमड़ी के रंग से फीका, एक या एक से अधिक दाग या धब्बे जिसमें सुन्नपन, सूखापन, पसीना न आता हो, खुजली या जलन, चुभन न होती हो तो कुष्ठ रोग हो सकता है। शरीर पर, चेहरे पर, भौंहो के ऊपर, कानों के ऊपर सूजन-गठान, दाने या तेलीय चमक दिखाई पड़े, तो कुष्ठ रोग हो सकता है। हाथ पैर में सुन्नता, सूखापन एवं कमजोरी होने पर भी कुष्ठ की जांच करवाएं।