बीकानेर संभाग से केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के नोखा में हुए अभिनंदन से भाजपा में जनता के समक्ष मतभेद उभरे हैं। मंत्री का अभिनंदन क्यों किया गया? ऐसा क्या खास कर दिया जो मंत्री को 51 किलो की माला पहनाई गई ? अभिनंदन का मकसद नहीं बताया गया। अभिनंदन बेवजह तो नहीं हुआ होगा? पूर्व प्रधान कन्हैया लाल सियाग नोखा से भाजपा की टिकट के दावेदार हैं। वे इस अभिनंदन समारोह के मंच से अपनी राजनीतिक ताकत दिखाना चाह रहे थे। सियाग मंत्री के नजदीकी माने जाते हैं। सियाग ताकत दिखाने में कामयाब रहे। भाजपा में अभी विधायक बिहारी लाल विश्नोई है। कन्हैया लाल सियाग ( जाट) नया दावेदार है। इस आयोजन में नोखा विधायक को शामिल नहीं किया गया या शामिल नहीं हुआ। विधायक बिहारी लाल विश्नोई मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के बीच शुरू से ही छत्तीस का आंकड़ा रहा है। सियाग ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अभिनंदन के बहाने नोखा में राजनीतिक जलसा कर अपनी ताकत दिखाई है। भाजपा के इस अभिनंदन कार्यक्रम से विधायक को दूर रखा गया। इससे नोखा में मंत्री समर्थक और मंत्री विरोधी गुट जनता के सामने आए है। चुनाव के ऐनवक्त मंत्री के अभिनंदन का यह आयोजन भाजपा में नई गुटबाजी का बीज बो गया है। नोखा में अभी से दो गुट प्रभावी हो गए हैं। विधायक विश्नोई ने अपने समर्थकों की इस अभिनंदन समारोह के बाद बैठक की है। सांसद अर्जुन राम मेघवाल की राजनीति बीकानेर में भाजपा संगठन की चूलें हिला रही है। बीकानेर विधायक सिद्धि कुमारी के भी मंत्री खिलाफ है। यहां से दिलीप पुरी और मोहन सुराणा के नामों को हवा दी जा रही है। मोहन सुराणा मंत्री जी का फोलोवर है तो महावीर रांका मंत्री के खिलाफ। बीकानेर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक गोपाल जोशी परिवार मंत्री के खिलाफ रहे हैं। श्रीकोलायत से देवी सिंह भाटी ने तो अर्जुन राम मेघवाल को टिकट देने से नाराज होकर भाजपा ही छोड़ दी थी। खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र से उनके ही जाति के डा. विश्वनाथ मेघवाल से अर्जुन राम की कभी नहीं बनी। लूणकरणसर विधानसभा से प्रभु दयाल सारस्वत कभी मंत्री जी का दायां हाथ माना जाता था उनको टिकट दिलाने का आश्वासन भी था जब टिकट नहीं मिला तो वे पिछले चुनाव में रूष्ट होकर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए और 28 हजार वोट लिए। यहां से विधायक सुमित गोदारा मंत्री के साथ है। श्रीडूंगरगढ में तारा चंद सारस्वत और मंत्री के खिलाफ खुलम खुल्ला गोदारा और अन्य लोग मैदान में है। अपने ही लोकसभा क्षेत्र में अर्जुन राम मेघवाल ने स्वयं के खिलाफ हर विधानसभा क्षेत्र में अपनी पार्टी भाजपा के भीतर इतने विरोधी क्या उनके लिए राजनीतिक चुनौति नहीं है? मेघवाल भाजपा संगठन को क्या दिशा देना चाहते हैं? वे ही जानें , परंतु ये उनके और भाजपा के लिए अच्छे संकेत नहीं है। केंद्रीय मंत्री के रूप में अर्जुन राम को भाजपा संगठन, पार्टी और कार्यकर्ताओं के लिए मिसाल बनना चाहिए।